रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के करीब डेढ़ साल बाद पहली बार यूक्रेनियन राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच मुलाकात हुई है। इस मुलाकात पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई थीं लेकिन आप विधायक, दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी पर तंज कसा तो सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान अपनी बात हिंदी में कही, इसी को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने लिखा कि क्या प्रधानमंत्री को ये भी नहीं बताया गया कि यूक्रेन की भाषा हिन्दी नहीं है। ये वीडियो सिर्फ़ भक्तों को बेवक़ूफ़ बनाने के काम आ सकता है। सौरभ भारद्वाज अपने इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल किये गये।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

@vikashilu यूजर ने लिखा कि क्या हमें किसी देश के सामने अपनी मातृभाषा में बात नहीं रखनी चाहिए। क्या हमें यूक्रेनियन में रखनी चाहिए थी? नितिन शुक्ला यूजर ने लिखा कि भैया आप शुरू से ऐसे ही हो या कोई स्पेशल कोर्स किया है। @Rohit_Live007 यूजर ने लिखा कि जब चीन, जापान, अमेरिका, कोरिया और अन्य देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री मिलते हैं तो अपनी राष्ट्रभाषा में ही बात करते हैं और साथ में ट्रांसलेटर रहते हैं जो उसे दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करता है। उन्हें कोई ये नहीं कहता कि तुम जापानी या चीनी भाषा में क्यों बोल रहे हो?

@AshokMeenallg यूजर ने लिखा कि सौरभ जी, आपकी दिल्ली के मालिक व सरजी को हिंदी भाषा बोलने पर गर्व होता है, भले ही सामने वाला कोई भाषी हो। फिर आप हिंदी भाषा पर टिप्पणी कर चौड़े क्यों हो रहे हो? एक यूजर ने लिखा तंज कसते हुए लिखा कि मैं आपकी ग़लतफ़हमी दूर करने के लिए कुछ लिखने लगा था। जब देखा कि पहले से ही बहुत से लोग आपकी तारीफ़ कर रहे हैं तो मैं भावविभोर हो गया और आपकी सराहना करने का विचार त्याग दिया।

बता दें कि सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी का वह वीडियो शेयर किया, जिसमें वह यूक्रेनियन राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और प्रतिनिधिमंडल के सामने अपनी बात हिंदी में रख रहे हैं। यह वीडियो शेयर कर सौरभ भारद्वाज खिंचाई करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया। इसके साथ अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वह कह रहे हैं कि हिंदी हमारी मातृभाषा है, हमें हिंदी में बात करने हुए शर्म नहीं गर्व महसूस करना चाहिए।