Satiyaa Community Rajasthan: भारत विविधता का देश है। यहां विभिन्न धर्म, जाति, समुदाय के लोग हैं, विभिन्न संस्कृतियों को मानते हैं और अलग-अलग बोली बोलते हैं। कई समुदाय तो ऐसे रीति-रिवाजों को फॉलो करते हैं, जिन्हें जानकर आम लोगों को बहुत हैरानी होती है। राजस्थान में रहने वाला एक समुदाय ऐसा है जो समुदाय के भीतर किसी के जन्म पर मातम मनाता है। वहीं, जब किसी की मौत होती है, तो जश्न मनाता है और तब तक नाचता है, जबकि चिता पूरी तरह से जल ना जाए।

मौत पर जश्न, जन्म पर मातम

राजस्थान अपनी अनूठी परंपराओं और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां रहने वाली यह सातिया समुदाय (Satiyaa Community) की परंपरा सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं। इस समुदाय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां मौत पर जश्न और जन्म पर मातम मनाया जाता है। जी हां, जहां दुनिया भर में किसी के मरने पर शोक और जन्म पर खुशी मनाई जाती है, वहीं सातिया समुदाय की सोच बिल्कुल उलट है।

सातिया कम्युनिटी का मानना है कि जन्म लेना आत्मा के लिए दुखद है, क्योंकि उसे फिर से जीवन के दुख और तकलीफों के चक्र में आना पड़ता है। वहीं, मौत आत्मा की मुक्ति है, यानी जीवन के बंधनों से आजादी। इसलिए जब कोई मरता है, तो यहां ढोल-नगाड़े बजते हैं, मिठाई बांटी जाती है और जश्न मनाया जाता है। साथ ही चिता की आग बुझने तक शराब के नशे में नाचते हैं। यह राजस्थान में सड़क किनारे छोटी-छोटी झुग्गियों में रहते हैं।

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वहीं, इसके विपरीत, जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो लोग चुप्पी साध लेते हैं, रोते हैं और मातम जैसा माहौल बन जाता है। उनका मानना है कि यह आत्मा एक बार फिर से जीवन के दुखों में फंस गई है। समय के साथ इस परंपरा को निभाने वाले परिवारों की संख्या घटती चली गई। आज पूरे राजस्थान में सिर्फ 24 परिवार ही बचे हैं, जो इस अनोखी परंपरा को मानते हैं। ये परिवार इस परंपरा को अपनी पहचान और विरासत मानते हैं, भले ही आधुनिक समाज में इसे अजीब समझा जाता हो।

लोग क्यों मानते हैं यह फिलॉसफी ?

सातिया समुदाय की फिलॉसफी कहीं न कहीं भारतीय फिलॉसफी और मोक्ष की अवधारणा से जुड़ा हुआ है। उनका मानना है कि जीवन दुखों से भरा है और आत्मा का परम लक्ष्य जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाना है। इसलिए मौत को वे दुख नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत मानते हैं। हाल के दिनों में सतिया समुदाय की यह अनोखी परंपरा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस सोच को लेकर हैरान भी हैं और दार्शनिक दृष्टिकोण से इसे समझने की कोशिश भी कर रहे हैं।

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इंस्टाग्राम पर wahbharatmedia नाम के हैंडल से समुदाय के संबंध में हैरान करने वाली कहानी शेयर की गई है। वीडियो को अब तक हजारों यूजर्स देख और लाइक कर चुके हैं। कमेंट सेक्शन में यूजर्स ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने कहा, “कम से कम कोई तो इसे सही कर रहा है, ऐसा ही करो भाई सारी कम्युनिटीज।”

वहीं, एक अन्य टिप्पणी में लिखा था, “जिंदगी बहुत मुश्किल है या इस वक्त में मुश्किल वक्त से गुजर रही हूं… मैं कभी बच्चा पैदा नहीं करूंगी बहुत ही कम उम्र में मेरे मम्मी पप्पा गुजर गए मुझे नहीं चाहिए अब ये मेरे बच्चे के साथ हो क्यूंकि कल का कोई भरोसा नहीं।”