राष्ट्र और राष्ट्रवाद को लेकर आज तक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम ‘एजेंडा आज तक’ में चर्चा हो रही थी। इस चर्चा में शामिल बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के बीच तीखी बहस हो गई। डिबेट के दौरान संबित पात्रा राष्ट्रवाद की परिभाषा बताने लगे तो कन्हैया कुमार ने उस पर पलटवार किया। कन्हैया ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि यह केवल वोट पाने के लिए राष्ट्रवाद शब्द का इस्तेमाल करते हैं।

संबित पात्रा के लिए राष्ट्र की अवधारणा क्या है? इस सवाल पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ” देश और राष्ट्र पर्यायवाची नहीं बल्कि भिन्न-भिन्न हैं। देश की एक बाउंड्री होती है लेकिन राष्ट्र की कोई बाउंड्री नहीं होती।” इसके बाद एंकर चित्रा त्रिपाठी ने कन्हैया कुमार से पूछा, ” आप को बीजेपी के राष्ट्रवाद से इतनी दिक्कत क्यों है?” इसके जवाब में कन्हैया कुमार ने कहा हमें बीजेपी के राष्ट्रवाद से दिक्कत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हमें दिक्कत इस बात से है कि यह राष्ट्र का नाम लेकर यह अपना व्यक्तिगत जेब भरते हैं। टीवी पर आकर राष्ट्र – राष्ट्र करते हैं लेकिन अभी इन्हें ITDC का चेयरमैन बना दिया गया है। इनके युवा नेता कहते हैं कि आजादी लीज पर ली गई है। ये न देश को मानते हैं और न ही संविधान को मानते हैं।

कन्हैया के जवाब पर संबित पात्रा ने कहा – हां मैं ITDC का चेयरमैन बनाया गया हूं। उनकी बात पर कन्हैया कुमार ने टोकते हुए कहा – ये तो डॉक्टर हैं ना? यह कौन से कोहिनूर हैं जो इन्हें टूरिज्म डिपार्टमेंट का चेयरमैन बना दिया गया है। कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है इसमें इनको पैरासिटामॉल के बारे में बताना चाहिए। आपकी क्या काबिलियत है कि आपको इससे पहले ओएनजीसी का डायरेक्टर बना दिया गया था?

पात्रा ने कहा कि हमें यहां पर चिल्लाने की जरूरत नहीं है। इस पर कन्हैया कुमार ने तंज कसते हुए कहा रोज टीवी पर जाकर हुआं – हुआं करते हैं। यहां पर आकर हमें ज्ञान दे रहे हैं कि चिल्लाकर बात नहीं करनी है। संबित पात्रा ने कन्हैया के जवाब में कहा कि हम आपको ज्ञान नहीं दे रहे हैं लेकिन बाजार में बैठकर मुर्गा लड़ाने का काम भी नहीं कर रहें। कन्हैया कुमार ने पात्रा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह रोज मुर्गा लड़ाने का काम करते हैं तभी आईटीडीसी के चेयरमैन बने बैठे हैं।

पात्रा ने कहा कि यहां मेरे क्वालिफिकेशन को लेकर सवाल उठाया जा रहा है। मुझसे पहले जो आईटीडीसी के चेयरमैन बनाए गए थे उनसे मैं ज्यादा पढ़ा लिखा हूं। उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता को बताते हुए कहा कि अगर यह क्वालिफिकेशन नहीं है तो सोनिया गांधी कितना पढ़ी लिखी हैं? राहुल गांधी और सोनिया गांधी कितने पढ़े हैं जो प्रधानमंत्री पद के दावेदार माने जाते हैं।