19 सितंबर को संसद की कार्यवाई नई संसद से शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव दिया कि पुराने संसद भवन का नाम संविधान सदन कर दिया जाए और इसे स्वीकार भी कर लिया गया। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने एक बयान दिया है जिसकी चर्चा हो रही है।
सपा सांसद ने की ये मांग
सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नई संसद में नमाज पढ़ने की जगह होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सदन में कई मुसलमान लोग हैं, अगर उन्हें थोड़ी सी जगह मिल जाती तो भी अल्लाह को याद कर लेते। मैंने देखा कि ऐसी कोई जगह नहीं है। उन्होंने यह भी कहा, ‘नमाज पढ़ने की इजाजत या कोई जगह कैसे बनाएंगे? उन्होंने तो नफरत फैला रखी है, हिंदू-मुसलमानों से नफरत फैलाई हुई है।’
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया यूजर्स की शफीकुर्रहमान बर्क के बयान पर खूब प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @nadimahmed684 ने लिखा, ‘जब बड़े-बड़े अस्पतालों में इबादत के लिए जगह दी जाती है तो संसद में भवन थोड़ी सी जगह देने पर क्या हो जाता?’ एक अन्य ने लिखा, ‘अब इन्हें संसद भवन में एक मस्जिद बनवाने की मांग करनी चाहिए।’
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘सुना है कि पाकिस्तान की संसद में नमाज पढ़ने के लिए अच्छी व्यवस्था है।’ अमित नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘मंदिर और मस्जिद की लड़ाई अब नए संसद में भी शुरू हो चुकी है। एक बोलेगा कि यहां पर मंदिर होना चाहिए तो दूसरा बोलेगा कि यहां पर मस्जिद भी होनी चाहिए। ये लोग क्या संबिधान बनाएंगे?’ अनिल शर्मा ने लिखा, ‘घर और मस्जिद कम पड़ गई, पार्लियामेंट काम करने की जगह है। देश के लिए काम करो वो ही सबसे श्रेष्ठ है।’
वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में बोलते हुए सपा सांसद बर्क का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि यही सदन है जिन्होंने शफीकुर्रहमान बर्क 93 की आयु में भी सदन में अपना योगदान देते रहे हैं। बता दें कि सपा नेता शफीकुर्रहमान बर्क अक्सर अपने विवादित बयानों के चलते विवादों में रहते हैं।