प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022’ की शुरुआत के बात कहा था कि जब भी मुझे कहीं सरकारी कामों की क्वालिटी को देखना होता है तो मैं वहां अचानक ड्रोन भेज देता हूं। इसको लेकर विपक्ष के कई नेता प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते नजर आए। समाजवादी पार्टी के नेता ने भी पीएम मोदी पर ड्रोन को लेकर तंज कसा है।

समाजवादी पार्टी के नेता मनीष जगन अग्रवाल ने ट्विटर पर लिखा कि ‘क्या ड्रोन से पकड़-पकड़ कर रोजगार मिलेगा? क्या ड्रोन से दलाल भाजपा नेता पकड़े जाएंगे? क्या ड्रोन से सब्जियों के दाम पता करके सस्ती होंगी? क्या ड्रोन से देखकर अस्पतालों में इलाज मिलेगा? क्या ड्रोन से अपराधी पकड़े जाएंगे? क्या ड्रोन से देखकर सांड पकड़े जाएंगे? “अथ श्री ड्रोन कथा”। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मनीष जगा अग्रवाल के इस ट्वीट को रिट्वीट भी किया है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं: नवीन कौशिक नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मनीष जी, आपकी गलती नहीं है, ऑस्ट्रेलिया में पढ़े हुए आदमी को वर्चुअल रैली का मतलब पता नहीं तो आपसे तो उम्मीद ही क्या करेंगे।’ दिनेश चावला नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अग्रवाल साहब आप अखिलेश यादव को पकड़ कर रखिये, ड्रोन से क्या-क्या पकड़ा जायेगा उसकी चिंता विपक्ष को करने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि उसके लिए हमारे देश की सरकार सक्षम है।’

श्याम कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आजम खान की भैंसे खोजने में मदद मिलेगी ! ठीक हैं ! ठंडा पानी पीजिये, हल्का संगीत सुनें, खाना अच्छा खाए, जी भर कर सोएं।’ देवेश सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अखिलेश यादव जी, कभी ट्विटर से बाहर निकल के देखिए, बहुत कुछ हो रहा है, जो आपको नहीं दिखाई पड़ेगा।’ फूल सिंह वर्मा ने लिखा कि ‘सैफई महोत्सव के कलाकारों की फोटोशूट कराने के काम आएगा ड्रोन।’

अरविंद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ड्रोन से रोजगार मिलेगा, ड्रोन से भारत की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी और भी बहुत सारा काम होगा।’ आदर्श शुक्ला ने लिखा कि ‘बस यही सब कारण है कि तुम लोग का अस्तित्व भी नहीं बचेगा।’ अमित श्रीवास्तव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मोदी के विरोध में सब पागल हो गए हैं, तब क्या होगा जब 24 में फिर से मोदी आएंगे और 29 में जब योगी आएंगे तब तो सब विरोधी सड़क पर कपड़े फाड़ेंगे अपने।’

बता दें कि ड्रोन महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘जब केदारनाथ के पुनिर्माण का काम शुरू हुआ तो हर बार निरीक्षण के लिए मेरा वहां जाना संभव नहीं था तो मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का निरीक्षण करता था। आज सरकारी कामों की गुणवत्ता को देखना है तो यह जरूरी नहीं है कि मैं बता दूं कि मुझे वहां निरीक्षण करने के लिए जाना है। तब तो सब ठीक-ठाक हो ही जायेगा। मैं ड्रोन भेज दूं तो वह जानकारी लेकर आ जाता है और उन्हें पता तक नहीं चलता है।’