इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू मंगलवार को ताजमहल का दीदार करने पहुंचे। इस दौरान इजरायली पीएम की पत्नी सारा भी उनके साथ थीं। मोहब्बत के प्रतीक ताजमहल को देखकर दोनों अभिभूत और भावुक नजर आए। पीएम नेतन्याहू जबतक ताजमहल परिसर में रहे पत्नी का हाथ थामे रहे दोनों ने तस्वीरें भी खिंचवाई। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ताजमहल में बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी की तस्वीर को देखकर एक शेर लिखा, और ताजमहल की तारीफ की, लेकिन इस दौरान उनका निशाना कहीं और था। अखिलेश ने लिखा, ‘मोहब्बत खींच ही लाती है अपने आशियाने में, मगर वो क्या जाने जो हैं अकेले इस जमाने में, ताज की नगरी में आपका स्वागत है।’ अखिलेश यादव ने अपने फेसबुक पर इस शेर को पोस्ट किया। कुछ ही देर में इसके शेर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने इसे पीएम मोदी पर निशाना समझा, लगे अखिलेश को उलाहने देने। आकाश सोम ने लिखा, ‘बहुत मजा आता है, जनता का पैसा परिवार वालों पर बहाने में, वो क्या जाने जिन्होंने घर बार छोड़ दिया देश बनाने में।’ इस शेर पर उमेश कुमार सिंह ने राय दी, ‘अखिलेश जी ब्रह्मचारी के त्याग का महत्व व्याभिचारी नहीं समझ सकता, जाने भी दीजिए, अब आपका समय जा चुका है।’

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी इस वक्त अपनी पत्नी के साथ नहीं रहते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दिये हलफ़नामे में पीएम मोदी ने जशोदाबेन को अपनी पत्नी स्वीकार किया था। अखिलेश यादव के इस कमेंट पर सीनू नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘आप कुछ त्याग कीजिए , तब मालूम पड़ेगा कि तपस्या क्या होती है।’ हेमंत प्रजापति लिखते हैं, ‘बरसों बीत जाते हैं नाम कमाने में, परिवार की परख रखने वाले क्या जाने, मजा क्या है अकेले दिन बिताने में।’ आयुष शुक्ला लिखते हैं, ‘सनातन परंपरा किसी साधु या महंत का अपमान नहीं सिखाती, और आप जैसे तथाकथित यदुवंशियों को तो इसका भान होना चाहिए।’


यहां यह भी बताना जरूरी है कि कुछ महीने पहले यूपी में ताजमहल को लेकर विवाद हुआ था। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ताजमहल को राज्य की सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल नहीं किया था।वहीं बीजेपी के विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को भारतीय संस्कृति पर ‘धब्बा’ बताया था। तब समाजवादी पार्टी समेत विपक्ष के कई दलों ने इसका विरोध किया था।