भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (BJP MP Sadhvi Pragya Thakur) अक्सर अपने बयानों के चलते विवादों में रहती है। अब न्यू ईयर को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि यह हमारा नया साल नहीं है, ये कैलेण्डर का नया साल है। हमारा नया साल (New Year 2023) तो चैत्र मास में आता है। सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद का यह वीडियो वायरल हो रहा है और लोग उन पर तंज कस रहे हैं।

क्या बोलीं भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर?

वीडियो में साध्वी प्रज्ञा सिंह (Shadhvi Pragya Thakur) कह रही हैं कि मेरे पास एक फोन आया, उन्होंने कहा कि नए साल के मौके पर आपके लिए कुछ लिखना चाहता हूं। इस पर मैंने कहा कि जिनके बारे में आप लिखना चाहते हैं, उनके लिए ये नया वर्ष (New Year) नहीं है, यह कैलेण्डर का नया वर्ष है। हमारा तो चैत्र मास पर आता है। नई फसल, नया वातावरण, नया संस्कार होता है और मातारानी का आशीर्वाद होता है। वही हमारा नया वर्ष होता है। उन्होंने कहा कि जब हमें प्रकृति के नवीनतम का एहसास होता है तो हमारा नया साल आता है।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

@DrDarshananand यूजर ने लिखा कि आपका नया साल चैत्र मास में आता होगा, हम लोग तो विश्व को कुटुंब मानते हैं। सारा विश्व इस को नया साल मना रहा है इसलिए हमारा नया साल तो यही है। एक यूजर ने लिखा कि अगर आपकी बात सही है तो सीएम योगी, शिवराज सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी को नए साल की बधाई नहीं देनी चाहिए थी। @shahidakhtar यूजर ने लिखा कि साध्वी जी यह बात आपको मोदी जी को भी बतानी चाहिए, वह नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं।

@SUNILDEHARIYA93 यूजर ने लिखा कि आपकी ही तो सरकार है, सरकार से बोलिए और कैलेंडर चेंज करवा दीजिए। दिक्कत किस बात की हैं? @RamJiwa07592675 यूजर ने लिखा कि प्रधानमंत्री जी देश को नववर्ष की शुभाकामनाएं दे रहे हैं और उनके सासंद 1 जनवरी को नववर्ष मानने से इंकार कर रहे हैं। इसके साथ ही कई यूजर्स ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से कहा है कि वह पीएम मोदी को नए वर्ष की शुभकामना ना देने के लिए कहें, क्योंकि उन्होंने ट्वीट कर देशवासियों को बधाई दी है।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Bhopal MP) ने इसके साथ ही कहा है कि हमें वहीं करना चाहिए जिससे हमारे जीवन उमंग, उत्साह आये. हमें 31 दिसंबर की रात को पीकर सोने वाले, डांस कर चकनाचूर होने वाले लोगों से, जो कभी सुबह नहीं देखते उनसे बचना चाहिए। प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने कहा कि अगर मैंने किसी से कुछ कहा, उसने स्वीकार किया क्योंकि सत्य है, यही हमारे भारत की संस्कृति है। भारत को विश्वगुरु बनने में कोई भी देरी नहीं होगी। थोड़ी से दिक्कत है लेकिन भारत विश्वगुरु बनकर रहेगा।