एक तरफ जहां भाजपा ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से बाहर कर दिया, वहीं पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी का विवाद अब और बढ़ता जा रहा है। कई खाड़ी देशों ने भारत के राजदूतों को तलब किया और माफी की मांग की। कुछ देशों ने तो विरोध में भारतीय सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस पर ट्विटर पर कुछ लोग प्रतिक्रिया देते हुए खुशी जाहिर कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर पत्रकार रुबिका लियाकत भड़क गईं।
रुबिका लियाकत ने ट्विटर पर लिखा कि “हैरानी होती है उनपर जो अरब देशों में हिंदुस्तान के सामानों पर बैन को अपनी जीत मान रहे हैं, नुकसान दोनों का है किसी एक का नहीं। हुजूर की शान में गुस्ताखी न-काबिल-ए-बर्दाश्त है लेकिन यही भावना हिंदुओं के भगवानों पर लागू क्यों नहीं। इज्जत देंगे तब पायेंगे भी। बात कड़वी लगेगी।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान ने लिखा कि ‘वाह मोहतरमा वाह! मैं आपके दर्द को समझ सकता हूं। सच बोलने के लिए हिम्मत चाहिए होती है जो आपके पास नहीं है।’ हेमेंद्रे त्रिपाठी ने लिखा कि ‘विरोध में उतरे देश भूल गए हैं कि ये भारत है। मुझे पता है वो लोग ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जिससे उन्हें बाद में पछताना पड़े। लेकिन यदि भारत हर नागरिक उनके खिलाफ तुरंत उतरकर यहां उनका प्रोडक्ट ही लेना बंद कर दें। 2 दिन में पता चल जाएगा उन्हे कि उन्होंने क्या गलती की।’
वसीम अकरम त्यागी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘लीची की फोटो पोस्ट करने वाले जेल में हैं। वहीं, हुजूर की शान मे गुस्ताखी करने वाले भाजपा के पूर्व नेताओं को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसी भी धर्म के आराध्य की बेअदबी यह दोहरा मापदंड क्या रुबिका लियाकत को नजर नहीं आ रहा है? जहां तक बैन का सवाल है तो यह नौबत कौन लाया?’ अभिनव ने लिखा कि ‘रुबिका जी हमारी कोई भावनाएं नही हैं क्योंकि हम तो हिन्दू हैं ना , नबी के ऊपर बोलना गुनाह है लेकिन हमारे आराध्य महादेव का अपमान गंगा जमुनी तहजीब है।’
हीरा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कतर के बयान और सामान के बहिष्कार पर वही खुश हैं जो रहना तो हिन्दुस्तान में चाहते हैं मगर हिन्दुस्तान को अपना मानते नहीं। मुसलमानो को कतर को मुंहतोड जवाब देना था और बयान जारी करना था कि हमारा घर का मामला है, आपस में देख लेंगे। खालिद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मोदी चाहे तो नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की जगह पर रुबिका लियाकत को अपना प्रवक्ता बना सकते हैं.!’
गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मत पर की गई टिप्पणी के बाद कई देश भारत से नाराज बताए जा रहे हैं जबकि भारत का कहना है कि ये कोई भारत सरकार का बयान नहीं है और ना ही उनका स्टैंड है। जिन लोगों ने भी इस तरह की बयानबाजी की है, हमने उस पर कार्रवाई की है। हालांकि कई खाड़ी देशों ने भारत पर एक्शन लेते हुए कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं।