Republic TV के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को अलीबाग कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मुंबई पुलिस ने कोर्ट से अर्नब की रिमांड मांगी थी जिसे खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया गया। अब 18 नवंबर तक अर्नब न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे। खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले मेंअर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह उनके घर से पुलिस ने हिरासत में लिया था।

अर्नब गोस्वामी को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद सोशल मीडिया दो धड़ों में बंटा दिखाई दिया। जहां तमाम केंद्रीय मंत्रियों द्वारा इस मामले को महाराष्ट्र सरकार का फासीवाद बताते हुए पत्रकारिता पर हमला बताय़ा गया वहीं बहुत से लोगों ने इस घटना की तुलना इंदिरा गांधी के आपातकाल से की। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या भी बहुत ज्यादा रही जो अर्नब पर कार्रवाई को किसी भी तरह से पत्रकारिता या फिर आभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ नहीं बता रहे।

अर्नब को हिरासत में लिए जाने के बाद तमाम यूजर्स ने ये लिखा कि अर्नब को आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आपराधिक मुकदमे के तहत पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसका पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं है। वहीं 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने को लेकर भी तमाम यूजर्स अर्नब गोस्वामी की चुटकी ले रहे हैं।

अर्नब गोस्वामी की न्यायिक हिरासत पर मजे लेते हुए सोशल मीडिया यूजर्स लिख रहे हैं कि अब 14 दिनों के लिए ध्वनि प्रदूषण पर रोक लग गई है। कुछ ने लिखा कि दीवाली पर अर्नब का दीवाला निकल गया। कई यूजर्स ऐसे भी रहे जिन्होंने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी से अर्नब के केस की तुलना करते हुए लिखा कि शायद उन्हीं की बद्दुआ लग गई।

बता दें कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का आरोप है कि अर्नब को हिरासत में लेने जब पुलिस दल उनके घर पहुंचा तो अर्नब ने कथित तौर पर महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की।

 

इस मामले में गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353,504 और 34 के तहत  एनएम जोशी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।