बेरोजगारी और महंगाई के सवाल पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह केवल एक राज्य की समस्या नहीं है। पूरे देश में यही हाल है। अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, आजादी की लड़ाई में बहुत लोगों ने भूमिका निभाई। आखिर में देश दो टुकड़ों में बंट गया। कोई व्यक्ति दूसरा देश बना लेता है तो वहां के लिए वह महत्वपूर्ण हो जाता है।
नीतीश कुमार ने कहा, महात्मा गांधी को यह बात पसंद नहीं थी लेकिन परिस्थिति ऐसी बनी कि देश को अलग करना पड़ा। गांधी जी की बात मान लेते और देश एक रहता तो आज कितना तरक्की करता। लेकिन अब इन सबकी चर्चा करने की क्या आवश्यकता है? नीतीश कुमार द्वारा महंगाई और बेरोजगारी को लेकर दिए गए बयान पर ट्विटर यूजर्स ने प्रतिक्रियाएं दी हैं।
राजीव रंजन लिखते हैं कि पूरे देश में यही हाल है, यह बात बीजेपी के सहयोगी दल बोल रहे हैं। ये सरकार लोगों को कब राहत देगी इसका पता नहीं है? मोहम्मद अली ने लिखा, चुनाव के वक्त तो बहुत रोजगार की बातें करते थे। नीतीश जी उस जुमले का क्या हुआ? उमर खान (@MdUmar72684119) टि्वटर हैंडल पर लिखा गया, सही बात है आप क्या कर सकते हैं। आपको तो बस सत्ता में बैठकर मलाई खानी है बाकी जनता भाड़ में जाए।
विनय पांडे लिखते हैं, महंगाई से अपने नीतीश कुमार भी परेशान हैं। रंजीत रॉय (@imranjeetroy) लिखते हैं, यह कुछ नहीं कर सकते हैं। महंगाई के खिलाफ बोलेंगे तो केंद्र सरकार इनकी घोटाले वाली फाइल खोल देगी। इसलिए यह बस बेबस लाचार मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं।
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल में ही नीतीश कुमार पर महंगाई को लेकर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था, महंगाई को महबूबा बना बैठे प्रेमी अपनी मोहब्बत पर आजकल कुछ नहीं बोलते क्योंकि उन्हें यह महंगाई डायन अच्छी लगती है। वहीं राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर बरसते हुए कहा था कि हर सामान की कीमत बढ़ रही है। ऐसे में गरीब आदमी सरसों के तेल में सब्जी कैसे बनाएगा।
