कांग्रेस सांसद शशि थरूर के द्वारा अयोध्या के राम मंदिर को लेकर दिया गया विवादित बयान टीवी डिबेट्स का भी हिस्सा बना और इस पर खूब तीखी बहस भी देखी गई। एक समाचार चैनल पर पैनलिस्ट मौलाना ने एंकर से ही पूछ लिया कि वह अच्छा हिंदू है या बुरा हिंदू है। दरअसल, समाचार चैनल न्यूज 18 इंडिया पर थरूर के बयान और राम मंदिर के मुद्दे पर लाइव बहस चल रही थी। तभी वहां मौजूद अतिथियों में शामिल इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने बहस के एक हिस्से में एंकर अमिश देवगन से पूछा कि वह अच्छे हिंदू हैं या बुरे हिंदू हैं। मौलाना ने यह तब पूछा जब अमीश कह रहे थे, ”आप कहते हैं हिंदू अपराध करते हैं इस देश के तो बाबर मंदिर को तोड़कर मस्जिद कैसे बना गया?” इस पर मौलाना एंकर से पूछते हैं, ”अच्छा आप मुझे बताइये, आप अच्छे हिंदू है या बुरे हिंदू हैं? आप मुझे बताइये..।” इस पर एंकर जवाब देते हैं, ”छोड़िये.. मेरे को किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, मुझे किसी से सर्टिफिकेट नहीं लेना है, मैं पहले इंडियन हूं।”

मौलाना के अलावा डिबेट में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रवक्ता असीम वकार, लेखिका साध्वी खोसला और लेखिका शुभ्रास्था शामिल थीं। बता दें कि कांग्रेस नेता थरूर सोमवार (15 अक्टूबर) को चेन्नई में आयोजित ‘द हिंदू लिट फॉर लाइफ डायलॉग 2018’ में कहा, ”कोई भी अच्छा हिंदू किसी दूसरे के पूजा स्थल को ढहाकर बाबरी मस्जिद की जगह पर मंदिर नहीं चाहता है।” हालांकि थरूर ने बयान पर विवाद गहराता बाद में मीडिया पर शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया और जोर देकर कहा कि जो भी उन्होंने कहा वह उनके विचार हैं न कि उनकी पार्टी के।

थरूर ने ट्वीट किया, “मैं अपने राजनीतिक आकाओं की सेवा में लगी कुछ मीडिया द्वारा मेरे शब्दों को द्वेषपूर्ण रूप से तोड़-मरोड़कर पेश करने की निंदा करता हूं। मैंने कहा था, ”अधिकतर हिंदू मंदिर चाहते हैं क्योंकि वे इसे राम का जन्मस्थान मानते हैं। लेकिन कोई भी अच्छा हिंदू नहीं चाहेगा कि किसी अन्य के पूजा स्थल को ध्वस्त कर इसका निर्माण किया जाए।” थरूर ने कहा, “एक साहित्यिक महोत्सव में मेरे निजी विचार पूछे गए थे और मैंने वही दिए। मैं अपनी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं और न ही उसके लिए बोलने का दावा करता हूं।”