किसान नेता राकेश टिकैत अपने बयानों की वजह से या आंदोलन को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। यूपी विधानसभा चुनाव खत्म होने और नतीजे सामने आने के बाद राकेश टिकैत राजनीतिक टिप्पणी करने से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों का कहना तो ये भी है कि टिकैत के सुर बदल गए हैं। अब वह सरकार के खिलाफ उतनी बुलंद आवाज नहीं उठा रहे हैं, जितनी बुलंदी से चुनाव के वक्त बोला करते थे।
“हम किसी के एडवाइजर थोड़ी हैं”: एक इंटरव्यू के दौरान राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया है कि 2024 विधानसभा चुनाव के लिए आप जयंत चौधरी और अखिलेश यादव को क्या सलाह देना चाहेंगे? यूपी तक से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि “हम किसी को कोई सलाह नहीं देंगे, हम उनके कोई एडवाइजर थोड़ी हैं। उनका अपना काम है, हमारा आंदोलन का काम है। हम अपना काम कर रहे हैं।”
“हम नॉनपोलिटिकल लोग हैं।”: 2024 के लिए आपकी क्या तैयारी है? यह सवाल पूछे जाने पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी क्या तैयारी है, हमारी आंदोलन की तैयारी रहती है। आंदोलन ठीक रहता है तो सरकार भी ठीक रहती है। हमारी सरकार और विपक्ष के साथ बातचीत होती रहती है। हमारा किसी पार्टी से संबंध नहीं है। राज्य सरकार या केंद्र सरकार से ही हमारा संबंध रहता है। हमारी सबके साथ बातचीत रहती ही है। हम नॉनपोलिटिकल लोग हैं।”
अपने आप को नॉनपोलिटिकल कहते हैं लेकिन बातें सारी पोलिटिकल करते हैं? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि “जब मैं वोट देता हूं तो मैं बात तो करूंगा। मैं नोटा थोड़ी दबाता हूं लेकिन जो लोग नोटा का बटन दबाते हैं उन्हें कोई हक नहीं आवाज उठाने का। हर व्यक्ति किसी न किसी को वोट देता ही है। हम अपनी बात करते हैं, जिसकी समझ में आ जाए वो ठीक है। हम किसी को यह नहीं कहते कि किसको वोट दें और किसको वोट ना दें।”
बता दें कि यूपी चुनाव के वक्त राकेश टिकैत ज्यादातर यही कहते हुए सुने गए थे कि भाजपा के सारे वोट कोको लेकर जा रही है। अब बीजेपी वाले जानें कि कोको उनका वोट लेकर कहां गई। हालांकि जब चुनाव के नतीजे सामने आए तो भाजपा पश्चिमी यूपी में अच्छी सीटें जीतीं थी, यहां तक कि मुजफ्फरनगर में भी भाजपा को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा था।