कानपुर में ट्रैक्टर और ट्राली के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 25 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए ट्राली, छोटा हाथी, लारी में यात्रा करने पर रोक लगा दी। सरकार के इस फैसले का अगले ही दिन से कड़ाई से पालन करवाया जाने लगा, कई गाड़ियों का चालान भी किया गया। अब किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पर अपना विरोध जताया है।

सरकार से पूछा सवाल

राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान संगठन या गांव के लोगों का आने-जाने का साधन ट्रैक्टर ही है। अब वह इसे रोकना चाहते हैं, जुर्मना लगा रहे हैं तो साथ में ये भी बता देते कि किसान आखिर कैसे सफर करेगा? राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रेन हादसा होने के बाद क्या ट्रेन रोक दी गई? बस हादसा होने के बाद बसें बंद कर दी गईं? क्या मोटर साइकिल से होने वाले एक्सीडेंट के बाद कंपनियों को बंद कर दिया गया है?

“किसानों को बर्बाद करना है?”

राकेश टिकैत ने कहा कि टैक्टर किसान का साधन है और किसान को बर्बाद करना है। किसान आंदोलन में ट्रैक्टर ना चले इसलिए ये सब रचा जा रहा है। ट्रैक्टर सड़कों पर चलेंगे जैसे पहले चलते थे। सरकार के इस फैलसे का पूरा विरोध करेंगे और चिट्ठी भी लिखेंगे। उन्होंने कहा कि किसान खेत में तार नहीं लगाएंगे, ट्रैक्टर से चल नहीं सकते, दवाई कौन सी डालनी है वो भी ये ही बतायेंगे लेकिन गन्ना भुगतान नहीं करेंगे!

सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो घोषणा पत्र में कहा था कि बिजली फ्री दी जाएगी वो तो अभी तक नहीं मिली। उसके लिए आदेश का इंतजार हो रहा है। जबकि जैसे ही ट्रैक्टर रोकने की बात की तो लोगों की गाड़ियों के चालान कटने शुरू हो गए। हम इसका विरोध करेंगे और मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर इस आदेश को वापस लेने की मांग करेंगे।

इससे पहले सीएम योगी के ट्रैक्टर से सफर ना करने की अपील और प्रशासन की कड़ाई के बाद राकेश टिकैत ने ट्वीट कर लिखा कि ट्रैक्टर पर बंदिश गांव की एकमात्र यातायात व्यवस्था को चौपट करना और पुलिस की अवैध वसूली का रास्ता खोलने वाला है। ऐसा अलोकतांत्रिक फैसला और प्रतिबंध गांव और किसान आंदोलन में ट्रैक्टर मार्च से डरी सरकार का ये नया पैंतरा तो नहीं?