नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के फैसले को लेकर सोशल मीडिया दो खेमों में बंटा नजर आ रहा है। एक वर्ग इसे कालेधन के खिलाफ सरकार की साहसिक और बड़ी कार्रवाई मान रहा है तो दूसरा वर्ग नोटबंदी लागू करने के लिए जरूरी तैयारियों को आधार बनाकर सरकार की आलोचना कर रहा है। मंगलवार (15 नवंबर) को वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर भी नोटबंदी के मुद्दे पर आपस में उलझ गए। राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया, “एक दिहाड़ी मजदूर ने मुझसे कहा कि क्या प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हम 50 दिन लाइन में खड़े रहें या काम करें? अमीर लोगों के पास क्रेडिट कार्ड है, असली मार आम आदमी पर पड़ी है।” फिल्म अभिनेता अनुपम खेर को राजदीप की बात नागवार गुजरी और उन्होंने ट्वीट किया, “भगवान का शुक्र है कि हमारे देश के सैनिक आपसे या प्रधानमंत्री या देश से ये नहीं पूछते कि उनसे सातों दिन चौबीसों घंटे हमारी सीमाओं की रखवाली की उम्मीद क्यों की जाती है।”
अनुपम के ट्वीट के बाद राजदीप ने चुप नहीं साधा उन्होंने पटलवार करते हुए पूछा, “अनुपम खेर सर, आप हर चीज में सैनिकों को क्यों ले आते हैं? मुझे उम्मीद है कि आप गरीब फलवाले का भी दर्द समझते होंगे? वो भी एक ईमानदार खुद्दार भारतीय है?” राजदीप के सवाल के जवाब में अनुपम ने कहा कि सैनिकों का जिक्र उन्हें समझाने के लिए जरूरी है। अनुपम ने ट्वीट किया, “ये आपको समझाने के लिए जरूरी है। जहां तक दर्द समझने की बात है, मैं इसी अच्छी तरह समझता हूँ, पहली फिल्म मिलने से पहले मैंने तीन साल मुंबई की सड़कों पर बिताए हैं।”
आठ नवंबर को पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की। 15 नवंबर नोटबंदी के कारण 25 लोगों के मौत की खबरें मीडिया में आ चुकी हैं। वहीं लाखों लोगों को नोटबंदी के कारण रोजमर्रा की दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। मंगलवार को कई लोग पैसे पाने के लिए रात भर बैंक और एटीएम की लाइन खड़े रहे। हालांकि सरकार ने लोगों की मुश्किलें आसान करने के लिए बैंकों से नोट निकालने की साप्ताहिक सीमा 24 हजार रुपये कर दी है जिसे एक बार में भी निकाला जा सकता है। वहीं बैंकों में प्रतिदिन पुराने नोट बदलने की सीमा 4500 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा सभी एटीएम से एक कार्ड से एक दिन में 2500 रुपये निकाले जा सकेंगे।
Daily wager tells me: 50 days does @PMOIndia expect me to stand in queue or do work? Rich get away with credit card, aam admi hit he says. pic.twitter.com/7yiVUFOZsT
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 15, 2016
Thank God our soldiers don't tell you or us that why does the @PMOIndia or the country expect them to guard our borders day & night 24/7. https://t.co/YQIkwqeOg7
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 15, 2016
sir, why bring soldiers into everything? Am sure you empathise with a poor fruit-seller too? He too is a proud, honest Indian.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 15, 2016
It is imp to make u understand. As for empathy, I completely feel it having spent 3yrs on d streets of Mumbai before getting my 1st film. https://t.co/ICkw8ErXLV
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 15, 2016
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