राजस्थान के सीकर से भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता जिसे बेटे के शहर जाने के बाद ये उम्मीद थी कि घर की स्थिति अब अच्छी हो जाएगी का सपना चूर-चूर हो गया। बेटा जो ट्रेन से शहर गया था, उसकी शव एक महीने बाद एंबुलेंस से गांव पहुंची। घर की स्थिति इतनी खराब थी कि बूढ़े पिता को बकरियां गिरवी रखकर एंबुलेंस का किराया अदा करना पड़ा।
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार नीमकाथाना के आगरी की ढाणी गांव का रहने वाले बाबूलाल सोलंकी का बेटा रणवीर सोलंकी एक महीने पहले ही नागपुर, महाराष्ट्र मजदूरी करने के लिए गया था। घर की आर्थिक हालात सुधारने के लिए उसने शहर जाकर मजदूरी करने का फैसला किया।
हालांकि, 10 अक्टूबर शाम को मजदूरी कर लौटने के क्रम में वो सड़क हादसे का शिकार हो गया। लोहे के सरियों से भरी पिकअप वो जिस स्कूटी से आ रहा था उससे टकरा गई. हादसे में सरिए स्कूटी रणवीर और उसके दोस्त के शरीर में घुस गए। हादसे में रणवीर के साथी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि रणवीर को नागपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. यहां बुधवार की रात 12 बजे उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई।
बेटा सड़क हादसे का शिकार हो गया ये सुनकर गरीब पिता ने जमीन गिरवी रखकर तीन लाख रुपये इलाज के लिए भेजे थे। हालांकि, उनका बेटा बच नहीं पाया। फिर जब एंबुलेस से शव गुरुवार को गांव पहुंची तो एंबुलेंस का 40 हजार रुपये किराया देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। ऐसे में बूढ़े पिता ने बकरियां गिरवी रखकर किराया चुकाया।
जानकारी अनुसार रणवीर अपने पीछे मानसिक रूप से कमजोर पत्नी और तीन बच्चे छोड़ गया है। पति की मौत के बाद पत्नी रीना की तबीयत और बिगड़ गई है। वहीं, घटना के बाद गांव में भी मातम पसर गया है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी बूढ़े कंधे पर आ गई है।