राजस्थान के झुंझुनू केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले 14 साल के छात्र ने छुट्टी में मिलने वाले होमवर्क के खिलाफ धरने पर बैठ गया। कक्षा 9 में पढ़ने वाले प्रांजल नाम के इस छात्र ने रविवार 14 मई को कलक्ट्रेट के सामने 10 बजे से लेकर 12 बजे तक धरना दिया। होलीडे होमवर्क के खिलाफ इस धरने में प्रांजल की मां ने अपना समर्थन दिया है।

धरने पर बैठे छात्र ने कही ये बात

प्रांजल का कहना है कि स्वस्थ जीवन के लिए छुट्टी जरूरी है। छुट्टी से शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य विकास होता है। बच्चों को अवकाश बहुत ही जरूरी है ताकि बच्चे खेल सकें। अपनी रुचि में भी शामिल हो सकें। भास्कर.कॉम में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रांजल का कहना है कि छुट्‌टी में भी हम होमवर्क करें तो साल के 365 दिन में हमारे लिए कोई अवकाश है ही नहीं। हॉलिडे होमवर्क एक कुप्रथा है, यह बचपन पर कलंक है।

प्रांजल की मां ने कही ये बात

प्रांजल की मां अनामिका भी उसके साथ धरने पर मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि इस धरना प्रदर्शन में मैं बच्चे के साथ हूं। एक साल से यह बच्चा पत्र लिखकर अपनी मांग कर रहा है। बता दें कि अनामिका फूड डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर हैं। पिता कैलाश कुमार कोआपरेटिव में इंस्पेक्टर हैं।

प्रांजल की मां ने कहा है कि जैसे पहले कुप्रथा थी कि बच्चों की पिटाई किये जाने पर वह अच्छे से पढ़ते हैं, इसके बाद अब इस पर क़ानून आ गया है। वैसे ही ये भी एक कुप्रथा है, जिसमें बच्चों से छुट्टी में होमवर्क दे दिया जाता है, जैसे बड़ी लोगों को अवकाश जरूरी है, वैसे ही बच्चों को भी अवकाश जरूरी है।

प्रांजल ने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोग नकारात्मक विचारधारा रखते हैं। अवकाश हो या स्कूल टाइम, वे लोग बच्चे को सिर्फ पढ़ते हुए देखना चाहते हैं। अभिभावक भी यही चाहते हैं इससे बच्चे अपना छुट्टी सही से एन्जॉय नहीं कर पाते। यही वजह है कि उनमें तनाव बढ़ता है। आत्महत्या के केस भी इसी वजह से बढ़ते जा रहे हैं।

प्रांजल की तरफ से कहा गया है कि वह इसी तरह रविवार को कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठेंगे और अपना होमवर्क करेंगे।