बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के लुंबिनी पहुंचे और इस दौरान उन्होंने राम से लेकर भगवान बुद्ध तक की साझी विरासत का जिक्र किया। पीएम मोदी ने नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा से मुलाकात करने के अलावा भगवान बुद्ध के जन्मस्थान लुंबिनी भी गये, जहां उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। 2014 में पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री की नेपाल की यह पांचवीं यात्रा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘भगवान बुद्ध के साथ मेरा एक और संबंध भी है, जिसमें अद्भुत संयोग भी है और जो बहुत सुखद भी है। जिस स्थान पर मेरा जन्म हुआ, गुजरात का वडनगर, वहां सदियों पहले बौद्ध शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र था। आज भी वहां प्राचीन अवशेष निकल रहे हैं जिनके संरक्षण का काम जारी है।’
प्रधानमंत्री मोदी के भगवान बुद्ध के साथ अपने संबंध को लेकर दिए बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। स्वामी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हे मालिक, आपका संबंध किस-किस से नहीं है बस वो जगह बता दो!’ संतोष यादव ने तंज कसते हुए लिखा कि ‘अब ये मत बोल देना कि बुद्ध जी को जब थकान लगती थी तो मेरे हाथों की चाय पीने वडनगर स्टेशन पर आ जाते थे।’
विजया शर्मा नाम की यूजर ने लिखा कि ‘ऐसा कोई बचा भी है क्या, जिनसे आपका सम्बंध नहीं है?’ हिमांशु जैन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मोदी जी का हर किसी से कोई न कोई सम्बन्ध निकल ही आता है, बस मोदी जी का सत्य से कभी भी, कहीं भी दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं रहा।’ एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘इनका संबंध बस कांग्रेस के लोगों से नहीं रहा, बाकी सबके साथ रहा है।’
बता दें कि हर साल बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है जो कि बौद्ध समुदाय का एक प्रमुख उत्सव है, जिसे दुनियाभर के बौद्ध अनुयायी खूब धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मायादेवी मंदिर में दर्शन के साथ ही नेपाल यात्रा की शुरुआत की थी, जो लुंबिनी के मध्य में है। माना जाता है कि जहां पर यह मंदिर है, वहीं पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।