बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित टिप्पणी के बाद से बवाल बढ़ता ही जा रहा है। 10 जून को नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जुमे की नमाज के बाद पूरे देश में प्रदर्शन किया गया। इसी क्रम में प्रयागराज में हिंसा हुई। जिसमें योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक्शन लिया।
प्रयागराज में हुई हिंसा के बाद UP CM योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करने के कड़े निर्देश दिए। जिसके बाद प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाया गया। जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं के साथ कुछ आम लोगों द्वारा भी इसका विरोध किया गया। इसी क्रम में केरल के मल्लापुरम में भी भीड़ जुटाकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस जेल भी ले गई।
प्रदर्शन के दौरान की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल हो रही तस्वीर में प्रदर्शन कर रही एक मुस्लिम महिला को पुलिस उसका हिसाब पकड़ कर खींच कर ले जा रही है। इसके साथ ही एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में आयशा को कुछ महिला पुलिसकर्मी घसीट रही हैं, पूरे जोर से खींचने के बाद पुलिसकर्मी उन्हें गाड़ी में बैठाने के लिए ले जाती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारी महिला का नाम आयशा है। जो CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान सोशल मीडिया की सुर्खियों में आई थी। सोशल मीडिया पर कुछ लोग आयशा के साथ हुए ऐसे बर्ताव के लिए केरल पुलिस की आलोचना करते हुए कमेंट कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि आरोपियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाना उचित है।
शेख नाम के एक फेसबुक यूजर्स ने इस तस्वीर को शेयर करने के साथ लिखा, ‘ यूपी में मुसलमानों के घर पर चलाए जा रहे नफरत ही बुलडोजर के खिलाफ केरला में प्रोटेस्ट कर रही बहन आयशा को पुलिस ने डिटेन कर लिया है। बस मुसलमानों को इसी हिम्मत को तोड़ने की कोशिश की जा रही है ताकि मुसलमान सड़कों पर ना निकले।’ U S शर्मा नाम के फेसबुक यूजर लिखते हैं – पुलिस द्वारा बिल्कुल ही अच्छा काम किया जा रहा है।
एक अन्य फेसबुक यूजर द्वारा लिखा गया कि ख़ाकी वर्दी में मुसलमानों के खिलाफ भरी नफ़रत का आलम देखिए, विरोध प्रदर्शन करने पर एक मुस्लिम प्रदर्शकारी आयशा रेन्ना को हिजाब से पकड़ कर घसीटा जा रहा है, ये कोई UP, बिहार, झारखंड या मध्यप्रदेश के साम्प्रदायिक शासन में नही बल्कि भारत के सबसे शिक्षित राज्य केरल में वामपंथी सरकार की देखरेख में हो रहा है।