प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर यानी गुरुवार को दिल्ली में कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्र नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विशाल मूर्ति का भी अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
पीएम मोदी ने कही ऐसी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के दौरान कहा कि ये अवसर अभूतपूर्व और ऐतिहासिक है, हम सब का सौभाग्य है कि हम आज ऐसा दिन देख रहे हैं और इसके साक्षी बन रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद नेता जी के विचारों और उनसे जुड़े प्रतीकों को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि नेताजी की 125 वीं जयंती पर कोलकाता में उनके घर जाना हुआ था, वहां पर मैंने एक अनंत ऊर्जा को महसूस किया था। आज देश का प्रयास है कि नेताजी की वो ऊर्जा देश का पथ प्रदर्शन करे।
पूर्व आईएएस ने पूछे यह सवाल
पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने कर्तव्य पथ को लेकर अपने सोशल मीडिया हैंडल से सवाल किया, ‘कर्तव्य पथ तो बन गया, कर्तव्य पालन कब होगा? बेरोजगारी ज्यों की त्यों, भुखमरी यथावत, महंगाई अव्वल दर्जे की… रुपैया डूब गया।’ समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने कर्तव्य पथ को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कमेंट किया कि मेरा पथ छोड़कर कर कर्तव्य पथ पर चलिए प्रधानमंत्री। इवेंट शो बार बार करने से क्या बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं का निदान हो रहा है? अंबानी अडानी और गुजरात से ऊपर उठकर देखिए मोदी जी।
यूजर्स के जवाब
प्रीति चौबे नाम की एक ट्विटर यूजर कमेंट करती हैं कि मूर्ख मंडली देश पर राज कर रही है। रामेश्वर भारद्वाज नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया – कांग्रेस ने लगभग 60 वर्ष भारत पर राज किया लेकिन फिर भी इस तरह के सवाल आप नरेंद्र मोदी जी से पूछ रहे हैं कि कर्तव्य का पालन कब होगा? एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी के नाते अपनी अंतरात्मा से पूछो कि क्या आपका सवाल सही है। सुभाष चतुर्वेदी नाम के एक यूजर ने कमेंट किया, ‘सरकार के अधिकार में तो पथ बनना ही है, बाकि जनता देख ले।’
रविंद्र त्रिपाठी नाम के एक यूजर कमेंट करते हैं कि सब भेजने का कर्तव्य पूरा कर रहे हैं और आप ही तो पीछे ही पड़े रहते हैं। आराम से कर्तव्य भी नहीं पूरा करने देते हैं। सुरेश कुमार नाम के एक यूजर ने लिखा – जिन्हें लगता है कि राजपथ गुलामी का प्रतीक है, तो वह 8 सालों से संसद भवन में क्यों बैठे हैं? एक अन्य ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि जब इसका नाम ‘पालन पथ’ कर देंगे।