गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। 19 अक्टूबर को डिफेंस एक्सपो के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। स्कूल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी यहां मौजूद कुछ स्कूली बच्चों के साथ क्लासरूम में बैठे नजर आए, जहां छात्र स्कूल के क्लासरूम में लैपटॉप पर पढ़ते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी के स्कूल जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है।

कांग्रेस ने पीएम मोदी की तस्वीर पर उठाए सवाल

जिस कलासरूम में पीएम बच्चों के साथ बैठे नजर आ रहे हैं, इस क्लासरूम को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। कांग्रेस की तरफ से साझा की गई तस्वीर में खिड़कियों, क्लासरूम की साइज को लेकर सवाल उठाए गए हैं। तस्वीरों को शेयर कर उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से लिखा गया है कि फिल्म की शूटिंग होनी थी, क्लास रुम प्लाईवुड से बनाया गया। खिड़की का ध्यान नहीं आया तो बना नहीं, आनन फानन मे पेंटिग करके खिड़की बनायी गयी। क्या मिलता है ये सब करके,आखिर पोल खुलने पर जग हंसाई होती है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया कांग्रेस के इस पोस्ट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। पिंटू नाम के यूजर ने लिखा कि ऐसा कौन सा क्लासरूम होता है, जहां सिर्फ छः लोग पढ़ाई करते हैं। शायद यह स्कूल चंद्रमा पर होगा। @ANSHUBA45377863 यूजर ने लिखा कि देश में महंगाई बेरोजगारी चरम पर है, रुपया-डॉलर के मुकाबले निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है। भारत पर कर्ज का भार लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद सिर्फ फोटोशूट एवं बनावटी तथ्यों के सहारे देश का मीडिया लोगों को भ्रमित कर रहा है जो देश के लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

एक यूजर ने लिखा कि देश के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को नौटंकी मत बनाओ! कहावत है कि झूठ बोलने वाले को एक सच छुपाने के लिए 100 झूठ बोलने पड़ते हैं, फिर भी सच्चाई सामने आ ही जाती है। धर्मेंद्र सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि भाई मानो या ना मानो, जब तक मोदी जी सत्ता में बने रहेंगे, तब तक देश के साथ इस तरह के मजाक होते रहेंगे।

बता दें कि पीएम मोदी ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन करने के बाद कहा कि आज गुजरात की शिक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। गुजरात में विद्या समीक्षा केंद्रों की आधुनिकता देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा। हमारे केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री के साथ बैठक कर विद्या समीक्षा केंद्रों पर चर्चा की थी। गुजरात के हजारों स्कूल, लाखों शिक्षकों और करोड़ों स्टूडेंस की भी तकनीक के जरिए समीक्षा की जाती है।