अभिनेता शाहरुख खान (Shahrukh Khan) व दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की फिल्म ‘पठान’ (Pathan) के गाने ‘बेशर्म रंग’ (Besharam Rang Song Controversy) को लेकर शुरू हुआ बवाल थमता नजर नहीं आ रहा। इस बीच कॉर्टूनिस्ट हेमंत मालवीय (Cartoonist Hemant Malviya) ने इस मुद्दे से जोड़ते हुए योगगुरु बाबा रामदेव (Ramdev) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का एक कार्टून बनाया। जो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral) हुआ तो पतंजलि (Patanjali) कंपनी कीओर से हेमंत मालवीय पर FIR दर्ज करा दी गयी। जिसके बाद हेमंत मालवीय ने फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट (Facbook Post) लिखा। जिसपर लोग तरह – तरह के रिएक्शन दे रहे हैं।
पतंजलि ने करवा दी FIR
योग गुरु बाबा रामदेव की अश्लील कार्टून बनाने का आरोप लागते हुए पतंजलि ने उत्तराखंड के कनखल थाने में मामला दर्ज करवाया है। हेमंत मालवीय के साथ कॉर्टूनिस्ट गजेंद्र रावत पर भी FIR दर्ज करवाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कनखल थाना प्रभारी मुकेश चौहान ने बताया कि पतंजलि योगपीठ के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर कार्टूनिस्ट गजेंद्र रावत और हेमंत मालवीय के खिलाफ यहां कनखल थाने में मामला दर्ज किया गया है।
हेमंत मालवीय ने किया यह पोस्ट
पतंजलि द्वारा FIR कराये जाने के बाद हेमंत मालवीय एक फेसबुक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा,”बाबा रामदेव की व्यवसायी संस्था पतंजलि ने मेरे औऱ एक अन्य कार्टूनिस्ट के खिलाफ धारा 155a जो एक गैर जमानती धारा है। उत्तराखंड के हरिद्वार के कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है और मेरी तलाश जारी हो चुकी है। मैं भागूंगा नहीं, भाग कर जाऊंगा भी तो कहा? औऱ बाबा की तरह तो कतई नही भाग सकता। शुगर हाइपरटेंशन ब्लड प्रेशर का शिकार हार्ट अटैक झेल चुका दिल का मरीज हूं, मेरा एक परिवार है।”
लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन
पतंजलि द्वारा कार्टूनिस्ट पर हुई FIR को लेकर सोशल मीडिया पर तरह – तरह की बात की जा रही है। कुछ लोग इसे सही बता रहे हैं तो वहीं कुछ यूज़र्स इस पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं। फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने लिखा,”कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय के खिलाफ कारोबारी रामदेव ने एक ग़ैर ज़मानती धाराओं में मुक़दमा दर्ज कराया है! हेमंत ने एक भावुक ख़त लिखा है। वक़्त है कि लोकतंत्र के समर्थक हेमंत को क़ानूनी मदद दें।” @himanshulive07 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया – कार्टून के ज़रिये व्यंग करना सही है लेकिन मालवीय जो कार्टून बनाता है वो बेहद आपात्तिजनक होता है। जैसे मीडिया को आज़ादी दी गई है, उसी तरह आम नागरिकों के भी अपने अधिकार हैं।
@advKrishnaag नाम के एक यूजर द्वारा लिखा गया कि इसका जवाब कोर्ट मे देना होगा। बोलने की आजादी के नाम पर किसी को भी किसी के बारे मे कुछ भी छापने ,अपमान करने या बदनाम करने का अधिकार संविधान नही देता। दीपक असीम नाम के एक फेसबुक यूजर ने कमेंट किया,”ये केस नहीं तमगा है। इसे सीने से लगाओ। गर्व करो कि आपका नाम ऐतिहासिक रूप से उन लोगों में शामिल हो गया है, जिन्होंने भारत के इस नव फासीवाद का मुखर विरोध किया।”