Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने उनके लिए ‘शहीद’ का दर्जा मांगते हुए कहा, “उन्होंने खुद को हिंदू बताकर गर्व से अपनी जान कुर्बान कर दी और कई लोगों की जान बचाई।” पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार आशान्या ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत की।
आतंकी हमले में मारे गए 26 लोग
इस दौरान उन्होंने कहा, “पहली गोली मेरे पति को लगी और आतंकवादियों ने यह पूछने में समय लगाया कि हम हिंदू हैं या मुसलमान… ऐसे में कई लोगों को भागकर अपनी जान बचाने का समय मिल गया।”
कानपुर के 31 वर्षीय व्यवसायी शुभम ने 12 फरवरी को आशान्या से शादी की थी। वह उन 26 लोगों में शामिल थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे, जो 22 अप्रैल को पहलगाम के पास बैसरन मैदान में हुए हमले में मारे गए थे।
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गुरुवार को कानपुर में के पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। आशान्या ने कहा, “मैं सरकार से इसके अलावा और कुछ नहीं चाहती कि शुभम को ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाए। अगर सरकार मेरी इच्छा स्वीकार करती है, तो मेरे पास जीने का एक कारण होगा।”
मुझे लगा हमसे कोई मजाक कर रहा
पति की मौत का गम अभी भी उनके मन में है, लेकिन आशन्या भी गुस्से में हैं। उन्होंने कहा, “जो कोई भी नाम और धर्म पूछकर गोली चलाता है, उसे खत्म कर देना चाहिए।” 22 अप्रैल की घटना को याद करते हुए आशन्या ने कहा कि जब आतंकवादी उनके और शुभम के पास आए और उनसे उनके धर्म के बारे में पूछा, तो उन्हें लगा कि वे लोग दंपत्ति के साथ मजाक कर रहे हैं।