समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान पर जमकर राजनीति हो रही है। विरोधियों के साथ साथ सपा के कई नेता भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमलावर हैं। अब ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और स्वामी प्रसाद मौर्य पर जोरदार हमला बोला है। रामचरितमानस की चौपाई को लेकर सवाल उठाने ओपी राजभर ने कहा कि जब चार बार मंत्री बनकर मलाई खा रहे थे तो उन्हें चौपाई क्यों नहीं याद आई?
स्वामी प्रसाद मौर्य पर भड़के ओपी राजभर
ABP न्यूज के एक कार्यक्रम में बोलते हुए ओपी राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य संविधान को नहीं मानते हैं। गले में माला और विचारों पर ताला? अभी जब MLC बने तो बाबा साहब के संविधान की शपथ लिए था ना? अगर वो मेरे सामने बैठते तो मजा आ जाता। मैं पूछता उनसे कि जब चार बार बहुजन समाज पार्टी में मंत्री थे, सत्ता की मलाई काट रहे थे तब तो चौपाई याद नहीं आई, तब दोहा नहीं याद आया।
“खुद मंत्री बने, बेटी को सांसद बना लिया…तब नहीं याद आई चौपाई?”
ओपी राजभर ने कहा कि जब उन्हें लगा कि अब सत्ता जा रही है तो राम-राम जपने लगे। पांच साल यही चौपाई पढ़कर फिर मंत्री बन गए, अपनी बेटी को सांसद बना लिए, तब तो नहीं बोल पाए। ओपी राजभर जब सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे थे तो स्वामी प्रसाद मौर्य मुस्कुरा कर कहते थे, मैं आपका साथ नहीं दे पाऊंगा। नहीं तो मंत्री पद चला जायेगा।
अखिलेश यादव द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य पर रोक ना लगाने पर ओपी राजभर ने कहा कि सपा में ही दो गुट हो गए हैं। एक गुट भाजपा को जितायेगा और दूसरा सपा को हराएगा। ओपी राजभर ने अखिलेश यादव को अपरिपक्व नेता बताते हुए कहा कि बाप-चाचा की मेहनत की बदौलत मुख्यमंत्री बन गये और जब सीएम बन गये तो उन्हें कुछ दिखाई ही नहीं दिया। अब वो अकेले लड़ने की बात करते हैं, देखते हैं कि अकेले कितनी सीट जीत पाते हैं।
बीजेपी के साथ जाने पर ओपी राजभर ने कहा कि राजनीति में संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। जब महबूबा मुफ्ती, बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती हैं, सपा-बसपा गठबंधन कर सकते हैं, लालू-नीतीश का गठबंधन देख लीजिये तो राजनीति में कुछ भी हो सकता है। बीजेपी से अछूत कौन है? मैं झूठ नहीं बोलता, झूठ बोलता तो अभी भी मंत्री ही होता। मेरे लिए मंत्री पद कोई मायने नहीं रखता है।