उत्तर प्रदेश की राजनीति के समीकरण लगातार बदलते रहते हैं। सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते हैं। विधानसभा चुनाव से पहले ओपी राजभर और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच नजदीकियां बढ़ीं थीं लेकिन चुनाव में मिली हार के बाद से ही यह समीकरण भी बिगड़ गया। चुनाव में ओपी राजभर ने भाजपा (BJP) को जमकर कोसा था लेकिन अब ओपी राजभर को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने अटल फाउंडेशन (Atal Foundation) का सह अध्यक्ष बनाया तो सोशल मीडिया पर पुराना वीडियो वायरल होने लगा।

ओपी राजभर को दी गई जिम्मेदारी

सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर (SBSP President OP Rajbhar), उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) से मिलने पहुंचे थे। उसके बाद उनके अटल फाउंडेशन का सह अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की गई। इसकी जानकारी भी ओपी राजभर ने खुद भी दी थी। हालांकि इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर मंच से भाजपा नेताओं और समर्थकों को गाली देते नजर आ रहे हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं को गाली देने का वीडियो वायरल

ओपी राजभर ने किसी चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि भाजपा के नेता झूठ फैला रहे हैं कि अगर वह कहीं मिल जाए तो उन्हें जूता निकालकर पीटना। इसके बाद गाली देते हुए राजभर कहते हैं कि इन लोगों के लिए मुंह से गाली निकलती है। इसके साथ ही भाजपा पर तीखा हमला बोलते ओपी राजभर के कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि ओपी राजभर सपा से दूर और भाजपा के करीब आ रहे हैं।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

@amitrajbhar403 यूजर ने लिखा कि भाजपा मे जाने की तैयारी पूरी हो गई है, बस ऐलान करना बचा है। @chandra61782728 यूजर ने लिखा कि थोड़ा सा इशारा क्या मिला, सीधे जाकर बगल में बैठ गए और बात करते हैं मोदी-योगी को पहाड़ पर भेजने की। @_VipinKSingh यूजर ने लिखा कि भाजपा के लोग छोटे से लाभ के लिए किसी से भी समझौता कर सकते है, जिसने मोदी जी व योगी जी के लिए अपशब्द बोला उसे बगल में बिठा लिया गया। आज अटल जी की आत्मा रो रही होगी।

@MaheshMansion4 यूजर ने लिखा कि देश को इस समय बचाने की जगह बर्बाद करने वालों का समर्थन करने पर आपको भी देश कभी माफ नहीं करेगा। सत्ता का लोभ है या CBI की रेड पड़ने वाली है? पत्रकार वीरेश पाण्डेय ने लिखा है कि अरे! इसमें तो भाजपा नेताओं को साफ-साफ गाली दी जा रही है। राजनीति में पता नहीं कब किसका दामन थामना पड़े, किसके साथ जाना पड़े। BJP के पहले अध्यक्ष रहे अटल जी अपने फाउण्डेशन के सह अध्यक्ष की भाषा सुनकर बहुत दुःखी होंगे।