बिहार के दो शहरों में हुए दंगों पर मचे बवाल के बीच सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे। इसको लेकर बीजेपी नेता डॉ. निखिल आनंद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा। वहीं, नीतीश कुमार के इफ्तार में शामिल होने के वीडियो पर आम सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी सासाराम और बिहार शरीफ में हुई घटना का जिक्र करते हुए ताना मारा।

इफ्तार पार्टी में शमिल हुए नीतीश कुमार

पटना के फुलवारीशरीफ में इस्लामिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिस्सा लिया। बिहार में रामनवमी के दौरान हिंसा को लेकर इन दिनों प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। इस दौरान नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी में दिखाई दिए तो बीजेपी ने तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा।

बीजेपी नेता ने नीतीश कुमार बोला हमला

बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. निखिल आनंद ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब रोम जल रहा था, तब नीरो बंशी बजा रहा था। ठीक उसी तर्ज पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जश्ने इफ्तार मना रहे हैं, जब बिहार दंगों की आग में झुलस रहा है। इसके साथ उन्होने जश्ने इफ्तार के बैकग्राउंड में लाल किला की आकृति पर निशाना साधते हुए कहा,’जश्ने इफ्तार के बैकग्राउंड में लाल किला की ऐसी तस्वीर लगाई हुई है, जैसे मिस्टर यूटर्न नीतीश कुमार कल ही झंडा फहराने जा रहे हैं। नीतीश कुमार का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा।’

सोशल मीडिया यूज़र्स के रिएक्शन

@IamRaviprashant नाम के एक यूजर ने लिखा,’बिहार के कुछ ज़िलों में आग लगी हुई है। नीतीश कुमार पीड़ित परिवारों से मिलने के बजाय इफ़्तार पार्टी में शामिल हो रहे हैं। जिसके लोग दहशत से घर में छिपे हुए और वो इफ़्तार पार्टी में शामिल हो रहे हैं।’

@IAbhay_Pratap नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं कि बिहार शरीफ में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं तो फुलवारी शरीफ में नीतीश कुमार जालीदार टोपी लगाकर इफ्तार पार्टी कर रहे हैं। हिंदुओं के बीच जाकर उनका दर्द बांटना जरूरी था या जालीदार टोपी लगाकर मजहबी उन्मादियों का हौसला बढ़ाना? ये इफ्तार दंगे शांत होने पर नहीं हो सकता था?

@KumaarSaagar नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी राम नवमी में तो आप नही दिखे हमें कही। लेकिन आज बिहार के कई इलाक़ों से हिंदू पलायन कर रहा है और आप इफ़्तार पार्टी कर रहे हो। @DivyaSoti नाम के एक यूजर लिखते हैं कि कल 11वां ही रोज़ा था। नीतीश कुमार चाहते तो कल की इफ्तार पार्टी में ना जाते। दंगों के बीच जालीदार टोपी ना पहनते। इफ्तार पार्टी कुछ दिन बाद भी हो सकती थी। दंगों के बीच सीएम का इस्लामिक जामे में मंच पर दिखना क्या संदेश देता है?