उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक दूसरे से मुलाकात की। इन दोनों की मुलाकात के बाद इस बात पर चर्चा होने लगी कि क्या जयंत चौधरी सपा प्रमुख अखिलेश यादव का साथ छोड़ सकते हैं। इसी विषय पर चंद्रशेखर आजाद से एक टीवी चैनल के एंकर द्वारा सवाल किया। जिसका उन्होंने जवाब दिया।

दरअसल, चंद्रशेखर आजाद न्यूज़ 24 समाचार चैनल से बात कर रहे थे। इस दौरान एंकर ने उनसे पूछा, ‘ जयंत चौधरी के साथ मिलकर आप अखिलेश यादव का कुनबा तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जयंत चौधरी को अपने साथ करके एक नया गठबंधन बनाने की ओर चल पड़े हैं?’ आजाद ने इसके जवाब में कहा कि मैं केवल अपना काम कर रहा हूं। मुझे लगता है कि शोषित वर्ग के लोगों को अपनी लड़ाई मिल – जुलकर आगे बढ़ानी चाहिए।

राजस्थान के पाली में हुई एक घटना का जिक्र कर उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की घटनाओं को कोई मेरे साथ मिलकर रोकना चाहता है तो मैं उसके साथ ही रहूंगा। उन्होंने बताया कि इस मसले को लेकर जब मैंने जयंत चौधरी से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं आपके साथ पाली
चलूंगा। चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘ अगर कोई व्यक्ति दुख में किसी के घर जाता है तो उसे राजनीति से परे रखना चाहिए।’

चंद्रशेखर आजाद के बयान पर लोगों की प्रतिक्रियाएं : लक्ष्मण सिंह पुरोहित नाम के ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया कि जिस नेता को यूपी चुनाव में एक सीट भी नहीं मिली, उन्हें राष्ट्रीय चैनल पर क्यों बैठाया जा रहा है। केदारनाथ नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं, ‘ आज के समय में बहुजन समाज की बात को आगे ले जाने का काम केवल चंद्रशेखर आजाद ही कर रहे हैं।’

यह है राजस्थान के पाली का पूरा मामला : राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले जितेंद्र मेघवाल की 15 मार्च को दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। पुलिस की ओर से इस मामले में कहा गया कि आपसी रंजिश के चलते जितेंद्र की हत्या की गई है। जितेंद्र मेघवाल की हत्या के विरोध में कई संगठनों ने अशोक गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन किया था। वहीं जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद भी परिवार से मिलने जा रहे थे लेकिन उन्हें उदयपुर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था।