महाराष्ट्र में राजनीतिक फेरबदल के बाद अब एनसीपी के हक को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है। शरद पवार के भतीजे अजीत पवार कई विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। उनके साथ का अन्य एनसीपी नेताओं को भी मंत्री बनाया गया है। इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सड़क किनारे बैठे हुए छात्र दिखाई दे रहे हैं। दावा है कि एक NCP विधायक के मंत्री बनने के बाद स्वागत के लिए इन छात्रों को बुलाया गया था।
मंत्री के स्वागत में दो घंटे सड़क पर बैठे रहे छात्र
अजीत पवार के साथ शपथ लेने वालों में एक नाम अनिल पाटिल का भी है। खबरों के अनुसार, मंत्री बनने के बाद जब पहली बार अनिल पाटिल अपने क्षेत्र में लौट रहे थे तो उनके स्वागत में छोटे-छोटे स्कूली छात्रों को बुलाया गया। इतना ही नहीं, ये छात्र सड़क के किनारे बैठकर करीब 2 घंटे तक मंत्री का इंतजार करते रहे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
कुछ बच्चों ने पैरों में चप्पल, जूते भी नहीं पहने हुए हैं। काफी इंतजार के बाद जैसे ही मंत्री अनिल पाटिल का काफिला आता है तो सभी बच्चे खड़े हो जाते हैं, उनमें से कुछ तो मंत्री को सलाम भी करते हैं। बताया गया कि जलगांव जिले की अमलनेर तहसील में एक आश्रम शाला के बच्चे थे। वहीं जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मंत्री जी की तीखी आलोचना होने लगी।
देखिए वीडियो
सोशल मीडिया यूजर्स की टिप्पणियां
ट्विटर यूजर @sanjay43210 ने लिखा, ‘ये शर्मनाक ही नहीं बेहद निंदनीय और अमानवीय भी।’ एक अन्य ने लिखा, ‘उन्हें जमीन पर क्यों बैठना पड़ता है? मुझे समझ नहीं आया। क्या ये मनुष्यों को सजावट के रूप में उपयोग करना है या क्या संदेश देना चाहते हैं?’ नितिन ने लिखा, ‘हमें ऐसे नेताओं पर शर्म आती है जो बच्चों को इस तरह अपने स्वागत के लिए उपयोग करते हैं।’
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘कायदे से तो जिन्होंने ऐसा किया उन पर केस होना चाहिए और इन बच्चों के माता, पिता को स्ट्राइक पर बैठ जाना चाहिए जब तक ये मंत्री माफी नहीं मांगे।’ शिवसेना (UBT) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, ‘अजीत दादा पवार समर्थक अनिल पाटिल अपने स्वागत और सलामी के लिए छोटे छोटे बच्चों का उपयोग बंद करें, सरकार जोड़ तोड़ की राजनीति में कब तक व्यस्त रहेगी , दोषियों पर कब कार्यवाही होगी?’
NCP नेता ने दी सफाई
बता दें कि वीडियो वायरल होने के बाद जब अनिल पाटिल की आलोचना हुई तो प्रशासन पर भी सवाल खड़े हुए। खबरों के अनुसार, पुलिस से जुड़े अधिकारी ने ऐसे किसी मामले की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया और बताया कि हमें कोई शिकायत नहीं मिली है। वहीं मंत्री ने अपनी सफाई में कहा है कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है। ऐसे करने वालों को माफ़ नहीं किया जा सकता।