कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला की जेल में बंद हैं। इस दौरान उनकी तबियत खराब होने की खबर सामने आई। जिसके बाद सिद्धू को पटियाला के राजिंद्र हॉस्पिटल ले जाया गया है। जहां उनका मेडिकल चेकअप किया गया और फिर उन्हें पटियाला जेल भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि सिद्धू ने जेल के खाने को खाने से इंकार कर दिया है।

सिद्धू ने जेल में मिलने वाली दाल-रोटी को खाने से यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि गेहूं से उन्हें एलर्जी है। वे सिर्फ सलाद खाकर गुजारा कर रहे हैं। ठीक से खाना ना खाने का ही असर बताया जा रहा है कि उनकी तबियत खराब हुई है। सोशल मीडिया पर लोग सिद्धू की तबियत को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

विक्रम सिंह ने लिखा कि ‘नेताओं को बाहर कुछ नहीं होता लेकिन जैसे ही जेल में जाते हैं, लगभग सभी नेताओं की तबियत खराब हो जाती है।’ वीर बहादुर चौहान ने लिखा कि ‘ये जनता के बीच इतने सच्चे और ईमानदार बने रहते हैं लेकिन इन मौकों पर झूठ का इतना जबरदस्त रायता फैलाते हैं कि झूठ भी परेशान हो जाए।’ अभिषेक सिंह ने लिखा कि ‘2 दिन पहले हाथी पर घूमते दिख रहे थे, जेल जाते ही मामला गड़बड़ हो गया। गजब!’

चयन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘एक रूल ले आओ कि जितने दिन हॉस्पिटल में काटोगे, उसके दोगुने दिन की सजा और बढ़ जाएगी।’ दुर्गा कान्त तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जेल जाते ही सब नेताओं की तबियत क्यों खराब हो जाती हैं, अब इलाज के नाम पर 5 स्टार हॉस्पिटल में ऐश करेंगे।’ विवेक भारद्वाज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘वहां का वास्तु इनके हिसाब का नहीं होगा इसलिए तबियत बिगड़ी होगी।’

पुष्पेन्द्र बाला नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जमानत के बाद तबियत ठीक भी हो जाएगी, हमारे राजस्थान में एक MLA तो जमानत मिलते ही कोरोना नेगेटिव हो गया था।’ राजेश कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये सारे नेता जो बाहर शेर बने फिरते हैं, वो आपराधिक मामलों में जेल में जाते ही गीदड़ क्यों बन जाते हैं।’ विभात चौहान ने लिखा कि ‘उन्होनें जेल में दी गई दाल रोटी नहीं खाई, मन मुताबिक खाने की मांग की है, इस कारण तबियत बिगड़ी है।’

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई है। सिद्धू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक शख्स की पिटाई की थी। इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि बाद में ये जानकारी सामने आई थी कि व्यक्ति कि मौत हार्ट अटैक से हुई थी। लोवर कोर्ट ने बरी कर दिया था, हाई कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई और सुप्रीम कोर्ट ने पहले एक हजार का जुर्माना लगाया था और बाद में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सिद्धू को एक साल जेल की सजा सुनाई है।