प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सरकार के 8 साल पूरे होने पर जश्न समारोह में शामिल होने शिमला पहुंचे, जहां उन्होंने रोड शो किया। इस दौरान उनका लोगों ने भव्य स्वागत किया। शिमला के रिज मैदान से प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से बात भी की। इस दौरान पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि की 11वीं किश्त भी जारी कर दी।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि ‘मैंने कभी भी अपने आप को उस पद पर देखा नहीं, कल्पना भी नहीं कि मैं कोई प्रधानमंत्री हूं। जब फाइल पर साइन करता हूं, एक जिम्मेदारी होती है, तब मुझे प्रधानमंत्री के तौर पर काम करना होता है लेकिन जब फाइल चली जाती है तो प्रधानमंत्री नहीं रहता, मैं सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों के परिवार का सदस्य बन जाता हूं।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: एक यूजर ने लिखा कि ‘हमने भी इन 8 सालों में 1 दिन भी आपको प्रधानमंत्री के पद पर नहीं देखा। जिस उद्देश्य से जनता ने आपको चुना, उनमें सबसे मुख्य, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई थी। यह जस की तस स्तिथि है।’ ज्ञानेन्द्र सिंह ने लिखा कि ‘देश तो अंबानी अडानी चला रहे हैं, असली प्रधानमंत्री वही हैं, आप उनके हाथ की कठपुतली हैं।’
इब्दुर रहमान ने कहा कि ‘8 साल से तो जुमला ही दे रहे हैं आप, चाहे वो पेट्रोल सस्ता, डीजल सस्ता, गैस सस्ता, खाने पीने का सामान सस्ता,15 लाख सबके खाते में ,भ्रष्टाचार के मुद्दे, 2 करोड़ रोजगार, 3 ट्रिलियन की इकॉनमी, बुलेट ट्रेन, और ना जाने कितने मुद्दे हैं, बस 8 साल से जुमला ही है।’ हर्ष वर्मा ने लिखा कि ‘देश ने आपको प्रधानमंत्री चुना है, आप खुद को प्रधानमंत्री मानिए और प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी उठाइए।’
आजाद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर खुद को चौकीदार के पद पर रख कर देश में ऐसी त्रासदी ला दी तो अगर प्रधानमंत्री बनकर सोचते तो क्या होता।’ शावेज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘तो फिर क्यों एक लाख तीस हजार का पैन इस्तेमाल करते हो। क्यों करोड़ों रुपये अपनी सुरक्षा मैं खर्च करते हो? क्यों ग्यारह लाख का सूट पहनते हो? बेवकूफ आप अपने भक्तों को बना सकते हों आम जनता को नहीं साहब।
बता दें कि शिमला में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज मेरे जीवन में एक विशेष दिवस भी है और उस विशेष दिवस पर इस देवभूमि को प्रणाम करने का मौका मिले, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता। पीएम मोदी ने कहा, हिमाचल की स्थानीय उत्पादों की चमक तो काशी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक पहुंच गई है। कुल्लू में बनी पोल्हे काशी में पुजारियों की मददगार बन रही है।