उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन शनिवार को हो गया। जिसके बाद यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया गया। मां पिछले डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थे। सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार बुलंदशहर में किया गया। उनके अंतिम संस्कार में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए थे।

विपक्षी दलों के भी कई नेता ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपना बयान दिया, लेकिन सपा पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तरफ से कुछ नहीं कहा गया। जबकि अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए व्यक्त किया था, अखिलेश यादव पुष्पांजलि अर्पित करने नहीं पहुंचे थे।

इसी पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि, ‘श्री अखिलेश यादव जी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह बाबू जी को अंतिम विदा देने के लिए नहीं आकर पिछड़ेवर्ग की बात करने का नैतिक अधिकार आपने खो दिया। आपके द्वारा पिछडावर्ग की बात करना केवल ढोंग है।’ उनके इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। एक ट्विटर यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि इनके आका नाराज हो जाते, बोट की तुष्टीकरण में ऐसे अंधे को देश के लोग देख रहे हैं। इनकी सजा तो यूपी की जनता देगी 0 पर बोल्ड करके।

@pratiyogpratap टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि बस इतना पूछना है कि आप जैसे कथित राम भक्त राम मंदिर में पिछड़ों के अधिकार के लिए कितना लड़े हैं? यह वही कल्याण सिंह है जिनको राम मंदिर के शिलान्यास में पूछा तक नहीं गया बात करते हैं पिछड़ों के अधिकार की। कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि हिंदू हृदय सम्राट कल्याण सिंह जैसे जनप्रिय नेता को अगर मुलायम सिंह और अखिलेश यादव श्रद्धांजलि और सम्मान नहीं देंगे तो इससे उनके कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि लखनऊ में यह दोनों कल्याण सिंह के आखरी दर्शन कर लेते तो इससे कारसेवकों पर गोली चलवाने वाली सपा पार्टी को अपने पाप धोने का आखरी मौका जरूर मिल जाता। लेकिन विनाश काले विपरीत बुद्धि और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है।