15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर हमला बोला था। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद पर निशाना साधा तो वही उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मंत्री की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। इस तस्वीर को लेकर लोग प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर पांच कस रहे हैं।
वायरल तस्वीर में यूपी के राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप अपने पौत्र के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठे हुए हैं। गाजियाबाद कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) नरेंद्र कश्यप सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में मंत्री अपने पौत्र के साथ पहुंचे।
कार्यक्रम में मंत्री नरेंद्र कश्यप के साथ जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के बगल में मंत्री जी के पौत्र को भी बैठा दिया गया। मंत्री जी के पौत्र की यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई और लोग इस पर भाजपा पर तंज कस रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘यूपी में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप सीएम के कार्यक्रम लाइव देखने पहुंचे, उनके साथ उनका पोता भी था। मंत्री जी का पोता IAS, CDO के बगल में ऊंची कुर्सी पर बैठे तजा जबकि कई PCS साइड की कुर्सी पर बैठे नजर आए। प्रधानमंत्री ने लाल किला से परिवारवाद का विरोध किया था।’
योगेन्द्र अहलावत ने लिखा, ‘कल ही PM परिवारवाद के खिलाफ लालकिले से बोले थे, अब मंत्री जी का परिवार है तो प्रशासनिक अधिकारियों को मंत्रीजी व पौत्र दोनों के प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखना होगा।’ एक अन्य ने लिखा, ‘परिवारवाद के खिलाफ बोलना और उसका पालन करना दो अलग बातें हैं।’ संजय कुमार नाम के यूजर ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से परिवारवाद पर बड़ा प्रहार किया। ऐसे में यह फोटो हैरान करने वाला है। वैसे मंत्री जी एक सुलझे हुए राजनीतिक व्यक्ति है। फिर भी लगता है परिवारमोह में ऐसा हुआ हो?’
पीएम मोदी ने लाल किला से देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘लोकतंत्र की मजबूती के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है। लोकतंत्र में परिवारवाद कैसे हो सकता है।’ पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘परिवारवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है. आज मेरे देश के लोकतंत्र में एक ऐसी विकृति आई है और वह बीमारी क्या है – परिवारवादी पार्टी है। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं, योग्यता को नकारते हैं। परिवारवाद लोकतंत्र की मजबूती के लिए खतरनाक है।’