बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी के समर्थन में एक ट्वीट किया। बसपा सुप्रीमो ने सपा के पैदल मार्च को रोके जाने को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए एक बयान दिया। इसके साथ ही उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की फीस बढ़ाए जाने को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला।
मायावती ने लिखी ऐसी बात
यूपी में विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। मानसून सत्र के पहले दिन यानी 19 सितंबर को अखिलेश यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला गया था। जिसको यूपी पुलिस ने रोक लिया था। इसी को लेकर मायावती ने लिखा, ‘विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता और जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना बीजेपी सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी और विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घात।’
सपा का किया समर्थन
समाजवादी पार्टी का बिना नाम लिए हुए उन्होंने समर्थन कर लिखा कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले बीजेपी जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की फीस बढ़ाए जाने पर किया ऐसा कमेंट
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की फीस बढ़ाए जाने को लेकर मायावती ने लिखा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आंदोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है, वह अनुचित और निंदनीय है। यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए मायावती ने लिखा, ‘यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब मांगों पर सहानुभूति विचार करे, बीएसपी की मांग।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं
मायावती द्वारा किए गए ट्वीट पर कुछ लोग उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर धन्यवाद लिख रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने कहा है कि वह बीजेपी की बी टीम हैं। संजय कुमार नाम के यूजर ने कमेंट किया कि सरकार 400% फीस बढ़ाकर या बताना चाह रही है कि ना पढ़ेगा इंडिया और ना ही आगे बढ़ेगा इंडिया। रविंद्र नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया – केवल ट्वीट कर देने से सरकार आपकी बात नहीं सुनने वाली है, अगर जनता की चिंता है तो अखिलेश यादव के साथ सड़क पर आइए।