जमीयत उलमा-ए-हिंद के सम्मलेन में जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि, हर चीज पर समझौता हो सकता है लेकिन विचारधारा पर समझौता नहीं हो सकता है। मदनी ने कहा कि शरीयत में दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज हमारे वजूद का सवाल है। मुसलमानों को पहले से ही जुल्म सहने की आदत है। हमें पहले मुल्क बचाना है।
मदनी ने सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा है कि ‘हमारे लहजे में नफरत कहां से नजर आ रही है। हम डराते नहीं हैं, आप डराने का काम करते हैं। हम गैर नहीं हैं, हम इस मुल्क के हैं और ये हमारा मुल्क है। यह हमारे सब्र का इम्तिहान है। मदनी ने कहा कि ‘यदि हमारा खाना, पहनना नहीं पसंद तो हमारे साथ मत रहो, कहीं और चले जाओ। सोशल मीडिया पर महमूद मदनी के इस बयान पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: प्रशांत देशमुख नाम के यूजर ने लिखा कि ‘भारत के मुस्लिमों को पाकिस्तान और बांग्लादेश दिए हैं। मुस्लिम वहीं चले जाए। राष्ट्रवादी मुस्लिम जो मुश्किल से 10 परसेंट होंगे वह भारत में रहें।’ भाजपा से जुड़ी नेहा शालिनी दुआ गुप्ता ने लिखा कि ‘इनकी गाड़ी अब पंचर करनी पड़ेगी वरना इन मुसलमानों ने हमेशा दूसरों की जमीन हड़पना पूर्वजों से सीखा है। अब इनकी दादागिरी खत्म होनी चाहिए।’
रोहित सिंह ने लिखा कि ‘कभी-कभी मजहब बचाने के लिए झूठ बोलना पड़ता है।’ कुलदीप वर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मौलाना आपको बता दूं कि धर्म के आधार पर बंटवारा 1947 में हो चुका है और अब नहीं होने देंगे। जो हिन्दुओं का है वो हिन्दुओं का होकर रहेगा और पाकिस्तान भेजना ही है तो उन्हें भेजो जो मुगलों के साथ हैं।’
बता दें कि मौलाना मदनी ने कहा कि ‘वो बार-बार हमें पाकिस्तान जाने को कहते हैं। हमें पाकिस्तान जाने का मौका मिला था, जिसे हमने रिजेक्ट कर दिया था।’ समान नागरिक संहिता को मानने से इंकार करते हुए मदनी ने कहा, यह संविधान की भावना के खिलाफ है, जो प्रत्येक नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता देता है। देवबंद में चल रहे इस जमीयत सम्मेलन के दूसरे दिन महमूद असद मदनी ने मुसलमानों से सब्र और हौसला रखने की अपील भी की है।