तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले की खबर पर बिहार में खूब राजनीति हुई। एक तरफ जहां बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस इसे फेक खबर बताती रही तो वहीं मजदूरों के बयानों के आधार पर मीडिया पर ‘बिहारी मजदूरों पर हमले’ से जुड़ी कई रिपोर्ट्स छापी गईं। बिहार पुलिस ने फेक न्यूज ना फैलाने की चेतावनी दी थी और अब कई पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें मनीष कश्यप का नाम भी शामिल है।

तेजस्वी यादव पर भड़के मनीष कश्यप

FIR दर्ज किये जाने के पर मनीष कश्यप ने एक वीडियो जारी किया और कहा कि बिहार के मजदूरों को अन्य प्रदेशों में परेशानी होती है, इस पर प्रदेश सरकार काम नहीं करना चाहती। अन्य राज्यों की सरकारें अपने मजदूरों को सहायता और सुरक्षा देती हैं लेकिन बिहार सरकार क्या कर रही हैं? मनीष कश्यप ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार समाचार पत्रों की बात मानकर अधिकारियों को निर्देश देने का ट्वीट करते हैं तो कुछ नहीं और अगर मैंने उन्हीं समाचार पत्रों के आधार से वीडियो बना दिया तो मैं गुनहगार कैसे हो गया?

“सीबीआई छापे से ध्यान भटकाने के लिए हुई FIR”

मनीष कश्यप ने कहा कि अख़बार की खबर, विधानसभा में हंगामा, मजदूरों के बयान और वायरल वीडियो को साक्ष्य नहीं मान सकते तो क्या हम तेजस्वी यादव के बात को साक्ष्य मानेंगे? उन्होंने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि वो विपक्ष में रहते हुए पुलिस के खिलाफ क्या क्या बोलते थे? मनीष ने यह भी कहा कि राबड़ी देवी के आवास पर पड़े छापे से ध्यान भटकाने के लिए ही हमारे ऊपर FIR दर्ज हुई है।

FIR पर सवाल खड़ा करते हुए हुए मनीष कश्यप ने कहा कि गिरफ्तारी चाहते हैं तो मैं दे दूंगा लेकिन मेरी आवाज बंद नहीं होगी। आप लोग तो रेपिस्ट के साथ खड़े होते हैं। आप मुझे गिरफ्तार करवाइए तेजस्वी यादव जी, मैं भी कहता हूं कि 2025 में सीएम नहीं बनने दूंगा, ये वादा करता हूं। मनीष ने कहा कि मैंने सीएम योगी के घर के सामने खड़ा होकर वीडियो बनाया था लेकिन कोई कार्रवाई मेरे ऊपर नहीं हुई लेकिन अगर ऐसा आपके घर के सामने कर दूं तो उसी समय जेल में डलवा देंगे।

बता दें कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले की खबर को लेकर बिहार विधानसभा में भाजपा के विधायकों ने हंगामा किया था लेकिन तमिलनाडु की पुलिस ने इस अफवाह कहते हुए वीडियो शेयर करने वालों पर कार्रवाई की बात कही थी। अब बिहार पुलिस इस संबंध में खबर चलाने वाले यूट्यूबर पर कार्रवाई कर रही है और आर्थिक अपराध इकाई थाना में धारा-153/153 (ए)/153 (बी)/505 (1) (बी)/505(1) (सी)/468/471/120 (बी) भादवि एवं 67 आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है, जिसमें मनीष कश्यप का भी नाम शामिल है।