प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटी दिवाली के मौके पर अयोध्या पहुंचे थे, जहां उन्होंने भगवान राम के दर्शन किए। भगवान राम का राज्याभिषेक किया और दिवाली के मौके पर हुई आतिशबाजी का आनंद लिया। सोशल मीडिया पर अयोध्या की दिवाली की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं। पीएम मोदी के अयोध्या जाने पर और दीपावली के कार्यक्रम में शामिल होने पर पीस पार्टी के प्रवक्ता ने सवाल उठाए हैं।
पीस पार्टी के प्रवक्ता ने उठाये सवाल
पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान ने ट्वीट कर लिखा, “निजी आस्था भारत की आस्था नहीं हो सकती, देश की जनता ने प्रधानमंत्री को जनसेवा के लिए चुना, किसी निजी आस्था के कार्यक्रम को राष्ट्रीय इवेंट बनाने के लिए नहीं। भारत का कोई धर्म नहीं है अगर है तो वह भारत का संविधान है, मत भूलिए नरेंद्र मोदी जी आपने संविधान की शपथ ली है। गरीब परेशान हैं।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं
शादाब चौहान के इस ट्वीट पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @rvdabbu यूजर ने लिखा कि पहले तुम संविधान को अपने धर्म से बड़ा मानो, फिर दूसरों को राय देना। आपका दर्द कुछ अलग ही है। @RaminderSharmaa यूजर ने लिखा कि यह सिर्फ आपका ही नहीं आप जैसे काफी लोगों का है। जब पहले इफ्तार पार्टी सरकारी पैसे से होती थी। उसकी फोटो है, मीडिया में प्रकाशित होती थी यदि आपने तब भी कुछ ऐसा ही विरोध किया हो तो आप सही कह रहे हैं, वरना हमें भी कुछ आनंद लेने दो।
@PankajK49778103 यूजर ने लिखा जबसे PM बने हैं, तब से या तो देश के उपक्रम बेचें है या मंदिरों का उद्घाटन किया। इससे सबका पेट भर जायेगा और नौकरी भी लग जाएगी। @Charansinghch19 यूजर ने लिखा कि संविधान के अनुसार सरकार की नीतियां किसी एक धर्म विशेष के लिए ना होकर धर्मनिरपेक्ष होनी चाहिये, परंतु पूजा करना नीति नहीं श्रद्धा का मामला है। वैसे बता दूं कि GDP में मंदिरो का भी योगदान होता है। @santoshtwitt यूजर ने लिखा कि यदि आप इसी स्तर पर सोचते रहे तो अभी आप धर्म की परिभाषा समझने में 25 से 30 वर्ष और लगाओगे।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अयोध्या में दीपोत्सव के इस इतिहासिक कार्यक्रम में मौजूद रहे। पीएम मोदी ने दीपोत्सव का शुभारंभ किया। 15 लाख दीपों को जलाया गया जिससे अयोध्या जगमगा उठी। अयोप्ध्या में दीपोत्सव पर 15 लाख 76 हज़ार 995 दीप जलाए गए जो कि एक रिकॉर्ड है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाणपत्र को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया गया।