उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 19 मार्च को सीएम पद की शपथ ली। वह अब लखनऊ स्थित 5 कालिदास मार्ग में रहेंगे। हालांकि योगी के नए घर में शिफ्ट होने से पहले वहां शुद्धिकरण किया जा रहा है। पुराने दोषों को दूर करने के लिए सरकारी आवास पहले रुद्राभिषेक और हवन किया जाएगा उसके बाद योगी गृह प्रवेश करेंगे। सरकारी घर में चल रही शुद्धिकरण की प्रक्रिया को लेकर विरोधी दलों ने योगी पर निशाना साधना शुरू कर दिया। रविवार को आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने योगी आदित्य नाथ पर गंभीर आरोप लगाया।
लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा- योगी ने सीएम आवास का शुद्धिकरण इसलिए कराया क्योंकि विगत एक दशक से ज्यादा वहां दलित/पिछड़ा एवं बहुजन वर्गों के मुख्यमंत्री रहते थे। बता दें कि योगी से पहले इस सरकारी आवास में 2012 से अब तक सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और 2007-12 के दौरान बसपा अध्यक्ष मायावती रह चुकी हैं। इससे पहले बुधवार को पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी योगी पर निशाना साधा था और कहा था कि 2022 में अगर उनकी सरकार बनी तो गंगाजल से मुख्यमंत्री आवास को धुलवाया जाएगा।
21 मार्च को बतौर सांसद लोकसभा में अपने आखिरी संबोधन में योगी ने कहा था कि राहुल गांधी उनसे एक साल बड़े हैं और अखिलेश यादव एक साल छोटे हैं। दोनों के बीच मैं आ गया, इसलिए खेल बिगड़ गया। इस पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि योगी सरकार को काम करने का मौका मिला है, केंद्र में भी उनकी सरकार है, इसलिए काम करें। खिलेश ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हमें तो सरकार के फ़ैसलों का इंतज़ार है, अभी तो सरकार लोगों से झाड़ू लगवा रही है। मुझे नहीं पता था कि अधिकारी इतना अच्छा झाड़ू लगाते हैं। अगर पता तो उनसे बहुत झाड़ू लगवाया जाता। अखिलेश ने कहा कि 2022 में सरकार बनेगी तो फायर ब्रिगेड में गंगा जल डालकर सभी सरकारी कार्यालय में और आप (पत्रकारों) पर भी डालेंगे। शुद्धि करण का अफ़सोस नहीं है। उन्होंने हार के कारणों का विश्लेषण करने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने यह बयान दिया।
योगी ने CM आवास का शुद्धिकरण इसलिए कराया क्योंकि विगत एक दशक से ज्यादा वहां दलित/पिछड़ा एवं बहुजन वर्गों के मुख्यमंत्री रहते थे।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) March 26, 2017