Guru Rahman News: पटना के मशहूर शिक्षक गुरु रहमान ने 70वीं BPSC परीक्षा को कैंसिल कराने लिए अजीबोगरीब कदम उठाया है। परीक्षा को लेकर जारी विवादों के बीच उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, PM नरेंद्र मोदी, CM नीतीश कुमार, बिहार के राज्यपाल व BPSC अध्यक्ष के साथ-साथ सचिव को अपने खून से चिट्ठी लिखी है।
खून से लिखी चिट्ठी में उन्होंने मांग कि है कि 70वीं BPSC परीक्षा को रद्द किया जाए और दोबारा एग्जाम कराया जाए। उनके द्वारा खून से लिखी गई चिट्ठी के तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
BPSC परीक्षा फिर से आयोजित की जाए
लोकल मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि गुरु रहमान ने अपनी कलाई काट कर ये चिठ्ठी लिखी है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि बीते 34 दिनों से गुरु रहमान BPSC अभ्यर्थियों के साथ धरना पर बैठे हैं। छात्रों की मांग है कि BPSC परीक्षा फिर से आयोजित की जाए।
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लोकल मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट के अनुसार अपने इस कदम के संबंध में गुरु रहमान ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो अपनी गर्दन भी काट दूंगा। उन्होंने कुछ दिन पहले मिले BPSC की ओर से मिले नोटिस के संबंध में कहा कि मुझे अगर जेल भेजना है तो भेज दें। लेकिन मैं BPSC से माफी कभी नहीं मांगूंगा। मैं बच्चों के हित के लिए मरने तक को तैयार हूं। मरते दम तक फिर से परीक्षा कराने की मांग जारी रहेगी।”
कौन हैं पटना के गुरू रहमान?
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार गुरू रहमान का पूरा नाम मोतिऊर रहमान खान है। उन्होंने पटना में अदम्य अदिति गुरूकुल कोचिंग संस्थान की संस्थापना की है, वे कोचिंग के संस्थापक हैं। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच गुरू रहमान काफी लोकप्रिय हैं।
गुरु रहमान का कोचिंग सेंटर पटना के फेमस कोचिंग सेंटरों में से एक है। मूल रूप से बिहार के सारण जिले के बंसतपुर के रहने वाले गुरू रहमान ने बीएचयू से प्राचीन भारत और पुरात्व में पढ़ाई की है।
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बीएचयू से पढ़ाई के बाद गुरू रहमान ने बिहार की राजधानी पटना में कोचिंग पढ़ाना शुरू किया। गुरू रहमान को यूजीसी से बेस्ट टीचर का अवार्ड भी मिला है। उन्होंने कई मौके पर खुद को हनुमान जी का भक्त भी बताया है। अपने अलग अंदाज के लिए वो पटना के छात्रों के बीच फेमस हैं।
पहले भी सुर्खियों में रहे हैं गुरु रहमान
गरु रहमान पर साल 2022 में अग्निवीर योजना के दौरान हुए प्रदर्शन में भी बिहार के छात्रों को भड़काने का आरोप लगा था। वो उन शिक्षकों की सूची में थे, जिन्हें पुलिस ने छात्रों को उग्र प्रदर्शन के लिए उकसाने का जिम्मेदार ठहराया था।
इस मामले में नाम आने के बाद गुरू रहमान के कोचिंग सेंटर सहित कई संस्थानों पर आयकर विभाग का छापा पड़ा था। अग्नीवीर योजना के खिलाफ उनका एक भड़काऊ वीडियो वायरल हुआ था। हालांकि, बाद में उन्होंने वीडियो पर सफाई दी थी।