जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और सरकार के बीच तनातनी देखने को मिली। सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि हमें ऐसा स्टैंड लेने पर मजबूर न करें, जिससे परेशानी हो। इसके बाद केंद्र सरकार ने 5 जजों की नियुक्ति के लिए भेजी सिफारिश को मंजूरी दे दी। इसी बीच प्रयागराज पहुंचे कानून मंत्री ने इस पर एक बयान दिया है।

क्या बोले कानून मंत्री?

कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Law Minister Kiren Rijiju) ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है। यहां कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता। हम जनता के सेवक हैं, हम संविधान के हिसाब से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इस देश का मालिक यहां की जनता है और मार्गदशक इस देश का संविधान है। सोशल मीडिया पर किरेन रिजिजू के बयान पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लिखा कि धमकी तो मंत्री जी दे रहे हैं, वो भी SC को। @bhakt__buster यूजर ने लिखा कि क्या ये अपमान नहीं है इस देश की सबसे बड़ी अदालत का? एक यूजर ने लिखा कि जनता के पीछे छिपकर लोकतंत्र की हत्या नहीं किया जा सकता है, याद रखना जनता फैसला करेगी मोदी सरकार नहीं, देश की जनता सुप्रीम कोर्ट के साथ खड़ी है। @Garg_sir यूजर ने लिखा कि इसके कहने का मतलब ये है कि सुप्रीम कोर्ट की बातों को ये नहीं मानते।

एक यूजर ने लिखा कि देश का नुकसान उतना मुगलों और अंग्रेजों ने भी नहीं किया जितना हमारे भ्रष्ट नेताओं ने किया है। जनता के नाम पर मलाई खाते हैं। kumarjaydeep86 यूजर ने लिखा कि रिज़िजू जी चुपचाप बहुत बड़े सुधार में लगे हैं लेकिन क्या वह सफल हो पाएंगे? अशोक नाम के यूजर ने लिखा कि क्या मोदी सरकार संविधान का ठीक प्रकार से पालन करती है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को धमकी नहीं दी है, केंद्र को फटकार लगाई है।

बता दें कि 16 जनवरी को कानून मंत्री किरण रिजिजू ने CJI को पत्र लिखकर कॉलेजियम में अपना प्रतिनिधि शामिल करने की बात कही थी। CJI की अगुआई में कॉलेजियम ने तय किया कि इस बार सारे मामले को सार्वजनिक किया जाए। जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर SC ने सख्ती दिखाई, इसके बाद सरकार जल्द ही मंजूरी देने की बात कही थी।