कुछ सच्ची घटनाओं पर यकीन करना आसान नहीं होता… लोग सोच में पड़ जाते हैं कि क्या ऐसा सच में हो सकता है। क्या कोई जंगली हाथी किसी की जान बचाने के लिए रात भर जागकर उनकी रखवाली कर सकता है। लोग जंगली हाथी के नाम से डरते हैं मगर इस जानवर ने हाल ही में एक दादी और पोती की जान बचाई है। चलिए आपको इस घटना के बारे में बताते हैं।
केरल के वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना से कई परिवार तबाह हो गए हैं। कई परिवार के सदस्य बह गए है। उनकी दुनिया कुछ पल में ही उजड़ गई। दिल को दुखाने वाली खबरों के बीच उम्मीद की एक सच्ची घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसके बारे में जानकर लोग हैरान हो रहे हैं। यह कहानी लैंडस्लाइड में जिंदा बची दादी और पोती की है।
लैंडस्लाइड में ढहा घर, बाढ़ में बहीं दादी-पोती
30 जुलाई की रात, सुजाता और उनकी पोती मृदुला पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनका घर चूरलमाला के लैंडस्लाइड में ढह गया। पानी के तेज बहाव साथ दोनों बाढ़ में बहती हुए जंगल पहुंच गईं। उस समय काफी रात हो चुकी थी। रात के लगभग डेढ़ बज रहे थे। सुजाता ने अपनी पोती को जोर से पकड़ा हुआ था। जैसे-तैसे वे पानी से बाहर निकल गईं लेकिन जब उवकी आंख खुली तो उनके सामने एक विशाल जंगली हाथी खड़ा था।
सजाता डर गईं और हाथ जोड़कर हाथी से प्रार्थना करने लगीं। उन्होंने हाथी से दया करने की बात कही। सुजाता के अनुसार, उन्होंने हाथी से कहा, “मैं अपनी पोती को अभी अभी मौत के मुंह से बाहर निकाल कर लाई हूं। अगर तुम्हारे अंदर प्यार भरा दिल है तो हमें छोड़ दो।” सुजाता ने हाथ जोड़कर हाथी से प्रार्थना की।
हाथी की आंखों में दादी ने देखा आंसू
सुजाता का दावा है कि इसके बाद उन्होंने देखा कि हाथी के आंखें नम है। उसकी आंखों में आंसू है। इसके बाद हाथी सुबह 6 बजे तक वहीं पर शांत खड़ा रहा। उसने बारिश से सुजाता और उनकी पोती की तब तक रक्षा की जब तक बचाव दल उनके पास नहीं पहुंच गए। सुजाता के अनुसार, हाथी ने अपने पैरों में उन्हें शरण दी और उनकी जान बचाई। अब सुजाता का परिवार मेप्पडी के एक राहत शिविर में है। उनकी हालत में सुधार है। सुजाता कहता हैं कि वे इस अद्भुत रक्षक हाथी की हमेशा शुक्रगुजार रहेंगी औऱ उसे याद रखेंगी, उनके लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।