कासगंज हिंसा को लेकर हुई टीवी बहस के दौरान गरीब नवाज फाउंडेशन के मौलाना अंसार रजा और बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा आपस में भिड़ गए। मौलाना ने संबित पात्रा से कहा कि सियासी भाषण बहुत चुके, अब बताइये चंदन के लिए हमारी कौन-कौन सी मांगें पूरी करेंगे। मौलाना अंसार रजा समाचार चैनल आजतक पर हो रही एक लाइव डिबेट में कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के प्रति संवेदना जता रहे थे। मौलाना ने कहा कि उनकी तीन-चार मांगें हैं। उन्होंने कहा- ”संबित पात्रा जी से कहूंगा कि बिल्कुल चंदन गुप्ता के कातिलों को देशद्रोही घोषित किया जाना चाहिए, चंदन को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए, उनके परिवारवालों को 51 लाख रुपये का ईनाम दिया जाना चाहिए और परिवार में किसी एक बच्चे को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।” इसके बाद संबित पात्रा ने पलटवार करने की कोशिश की तो मौलाना चिल्लाकर बोले सीएम योगी आदित्यनाथ अब तक क्यों खामोश बैठे हैं। इधर से संबित पात्रा बोले कि ये वही लोग हैं जो कहते हैं कि भारत तेरे टुकड़े होंगे। मौलाना ने कहा कि आपका भाषण हो चुका, यह बताइए कि हमारी चार मांगों में से कौन-कौन सी पूरी करेंगे।

वहीं, डिबेट में चंदन गुप्ता के परिवारवालों को 51 लाख रुपये का ईनाम वाली बात पर दो पल के लिए खामोशी छा गई। एंकर अंजना ने पलटकर जब मौलाना से कहा कि क्या कह रहे हैं आप, ईनाम दिया जाना चाहिए? तो वह बोले- ”अरे, कुछ तो देंगे आप…।” अंजना ने बताया कि वह मुआवजा होता है, तो मौलाना ने कहा कि हां मुआवजा देना चाहिए।

डिबेट में बीजेपी नेता संबित पात्रा, आरएसएस के नेता राकेश सिन्हा, कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप आदि मौदूज थे। मौलाना से पहले डिबेट में कासगंज की डीएम आरपी सिंह इस मामले पर पहली बार कैमरे के सामने आए और हिंसा की पूरी कहानी बताई। आरपी सिंह ने बताया कि चंदन के पिता से जब वह मिले तो उन्होंने कहा- चंदन ने बताया था कि जब वह वहां पहुंचे तो हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे, यह देख दूसरे समुदाय के लोग भी हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। फिर चंदन के दल की तरफ से कहा गया कि हमने हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगा दिया है अब तुम लोग पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाओ। तो उन लोगों ने कहा कि हम हिन्दुस्तान के हैं, हम पाकिस्तान का नारा नहीं लगाएंगे। इसी बात पर विवाद हुआ और फिर ईटा-पत्थर चले। सत्यता जांच में पता चलेगी। अनुमान के मुताबिक मुस्लिम परिवार की गोली से चंदन की मौत हुई। चंदन के दल में भी लोगों के पास असलहा थे।

डीएम आरपी सिंह ने बताया कि अभी तक लोगों से मिली जानकारी के हिसाब से हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता की एक संकल्प संस्था है, उसके 70-80 लोग गणतंत्र दिवस के दिन मोटरसाइकिलों में तिरंगा बांधकर शहर में चक्कर लगा रहे थे। बडुनगर इलाके में दूसरे समुदाय के लोग ध्वजारोहण करने के बाद स्पीच वगैरह कर रहे थे, तभी चंदन के लोग वहां पहुंचे, वहां किसी बात को लेकर विवाद हुआ, ईटा-पत्थर चले। चंदन और उनके साथी वहां से चले आए और फिर बदला लेने की भावना से तहसील रोड और सूत मंडी में इकट्ठा हुए और फिर विवाद हुआ। जिसमें चंदन और नौशाद नाम के शख्स को गोली लगी। नौशाद को पैर में गोली लगी थी। चंदन को जिस एंगल से गोली लगी, उससे पता चलता है कि मुस्लिम घर की छत से गोली चलाई गई, जिसमें चंदन की अस्पताल में मौत हो गई। जैसे-जैसे लोगों को पता चला कि दो समुदायों के बीच का मामला है तो उन्होंने इसे सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की।