कानपुर पुलिस अक्सर अपने कारनामों को लेकर विवादों में रहती है। अब कानपुर पुलिस को छोड़िये, पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कमिश्नर कार्यालय परिसर में खड़ी एक बाइक से बंदर शराब निकालकर पीता दिखाई दे रहा है।

बताया जा रहा है कि गांधी जयंती के दिन कानपुर पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर में खड़ी एक बाइक से बंदर ने दारू की बोतल निकाल ली। इसके बाद वह उसे खोलने की कोशिश करने लगा। इतने में वहां मौजूद लोगों की नजर बंदर पर पड़ी। उन्होंने बंदर को भगाया तो वह बोतल छोड़कर वहां से भाग गया। वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी शराब की बोतल को उठाकर बाइक के डिग्गी में रखता दिखाई दे रहा है।

ड्राई डे के दिन कैसे पहुंची शराब?

सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब 2 अक्टूबर को ड्राई डे था, तो पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में खड़ी इस बाइक में शराब की बोतल पहुंची कैसे? बाइक किसकी थी? बताया जा रहा है कि गाड़ी एक पुलिसकर्मी की ही थी, वह पहले से दो बोतल खरीदकर रख लिया था लेकिन बंदर ने उसकी पोल खोल दी।

विवेक त्रिपाठी ने लिखा, ‘कानपुर के बंदर रॉयल स्टैग खूब पसंद करते हैं। गांधी जयंती को ड्राई डे पर पुलिस ऑफिस में किसी की बाइक से रॉयल स्टैग की बोतल उड़ा दी।’ एक ने लिखा, ‘इस बंदर को इस शराब की बोतल के बारे में जानकारी किसने दी? कहीं मुखबीरों की शरारत तो नहीं है।’ प्रिया सिंह ने लिखा, ‘गांधी जयंती स्पेशल- ड्राई डे पर कानपुर पुलिस ऑफिस में किसी ने अपनी व्यवस्था रखी थी, जिसपर बंदर की नज़र पड़ गई। मामला बिगड़ गया, पोल खुल गई।’

संजय त्रिपाठी ने लिखा, ‘आप कानपुर के बंदरों को बदनाम न करें। दरअसल ये गांधी जी के तीन में से एक बंदर इसका पूर्वज था। गांधी जी हमेशा नशे के ख़िलाफ़ रहे और यह भी अपने पूर्वज की राह पर चलते हुए मादक पदार्थों को गांधी जयंती पर खोजकर नष्ट कर रहा है।’ एक ने लिखा, ‘ ये कैसा ड्राई डे? पुलिस वाले ने एक दिन पहले बोतल खरीद कर अपनी पार्टी का इंतजाम कर लिया लेकिन कमिश्नर ऑफिस में इस बंदर ने पार्टी खराब कर दी।’