प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में भाजपा की राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक से पहले रैली में उरी हमले को लेकर पहली बार बयान दिया। इसमें उन्‍होंने कहा कि उरी हमले को भुलाया नहीं जाएगा। साथ ही पाकिस्‍तान की जनता से अपने नेताओं के खिलाफ खड़े होने को कहा। मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश के हुक्‍मरान आतंकियों के लिखे भाषण पढ़ते हैं। भाषण के दौरान उन्‍होंने युद्ध छेड़ने जैसी बात नहीं की। लेकिन पाकिस्‍तान को गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा जैसे मुद्दों पर भिड़ने की चुनौती दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के समक्ष कभी नहीं झुका है, भविष्य में भी नहीं झुकेगा और इसे परास्त करने के लिए प्रयासरत रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश से भेजे गए फिदायीन हमलावरों की ओर से 17 प्रयास किए गए जिसे हमारे बहादुर सैनिकों ने नाकाम कर दिया। हमारे बहादुर सैनिकों ने 110 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान की जनता को अपने नेताओं से पूछना चाहिए कि एक साथ आजादी मिलने के बाद भी क्या कारण है कि भारत साफ्टवेयर का निर्यात कर रहा है और पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात कर रहा है।

पीएम मोदी के इस भाषण की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हुई। साथ ही पत्रकारों और बुद्धिजीवियों ने भी मोदी के भाषण को सराहा। एनडीटीवी की बरखा दत्‍त, इंडिया टुडे के राहुल कंवल, राजदीप सरदेसाई, सागरिका घोष, शेखर गुप्‍ता निखिल वागले जैसे पत्रकारों ने ट्वीट कर भाषण की अच्‍छाई बतार्इ। बरखा दत्‍त ने लिखा, ‘उरी हमले पर नरेंद्र मोदी का अच्‍छा, मजबूत और गंभीर भाषण। पाकिस्‍तान के लोगों से सीधे बात की और उनके नेताओं से उन्‍हें अलग किया।” राहुल कंवल ने लिखा, ”आज नरेंद्र मोदी ने केवल पाकिस्‍तान के लोगों से बात की। देखा कि नवाज शरीफ से बात करने का कोई मतलब नहीं है। सोचिए शरीफ क्‍या नहीं सोच रहे होंगे।”

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राजदीप सरदेसाई ने लिखा, ”प्रधानमंत्री का अच्‍छा भाषण। पाकिस्‍तान और वहां के लोगों में अंतर करते हुए सही मुद्दा उठाया। उम्‍मीद है उनके फॉलोअर उनकी बात मानेंगे।’ शेखर गुप्‍ता ने लिखा, ‘शानदार और कुशल राजनेता वाला भाषण। नरेंद्र मोदी का पाकिस्‍तान के लोगों से बात करना अच्‍छी रणनीति है। नरम ताकत के साथ उत्‍साह से इसे जारी रखिए। आतंकियों पर कोई दया नहीं।”

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