पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर सरकार ने बैन लगाने का फैसला किया है। PFI के साथ ही आठ अन्य संगठनों पर भी बैन लगाया गया है। इसके बाद कई नेताओं ने आरएसएस और VHP पर भी बैन लगाने की मांग की है। पत्रकार सुशांत सिन्हा ने आरएसएस का इतिहास बताते हुए पूछा है कि PFI और RSS की तुलना कैसे की जा सकती है?
RSS का आजादी में रोल!
सुशांत सिन्हा ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह बता रहे हैं कि आरएसएस पर बैन क्यों नहीं लगना चाहिए। सुशांत सिन्हा बता रहे हैं कि अपने 97 साल के इतिहास में जब-जब देश पर संकट आया तो आरएसएस और उसके स्वयंसेवकों ने कोई परवाह किए बिना देश की सेवा की है। देश के बंटवारे के बाद जब सांप्रदायिक हिंसा हो रही थी तो इसी आरएसएस ने 3000 राहत कैंप लगाये थे। दादरा एवं नागर हवेली की आजादी में आरएसएस का लीड रोल था।
चीन और पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में आरएसएस ने की थी मदद
सुशांत सिन्हा ने बताया कि 1955 में संघ ने गोवा की आजादी में हिस्सा लिया था, जो लोग कहते हैं कि आरएसएस को बैन करना चाहिए उन्हें थोड़ा पढ़ना चाहिए। सुशांत सिन्हा ने बताया कि 1962 के भारत-चीन के बीच हुए युद्ध के बीच आर्मी मूवमेंट में मदद की। सेना को रसद और आपूर्ति के लिए मदद भी आरएसएस ने की थी। शहीदों के परिवार वालों का ध्यान रखने का काम भी आरएसएस ने किया था।
उन्होंने बताया कि 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में श्रीनगर हवाई अड्डे से बर्फ हटाया, रक्त दान किया। यहां तक कि दिल्ली का ट्रैफिक भी संभाला था। 1975 में आपातकाल के खिलाफ आरएसएस लड़ रहा था इसीलिए इस पर इंदिरा गांधी ने बैन लगा दिया था। लालू यादव जो कह रहे हैं कि आरएसएस पर बैन लगा था, अरे वो भी आपातकाल के वक्त छुपछुपकर रहे थे। 1971 में ओड़िसा में आए चक्रवात, 1984 में भोपाल गैस काण्ड, सिक्ख विरोध दंगा, कारगिल युद्ध, गुजरात भूकंप, केदारनाथ त्रासदी में आरएसएस ने सेवा की और इसे बैन करने की मांग कर रहे हैं।
कोरोना के दौरान पांच लाख से ज्यादा स्वयंसेवक लोगों की मदद कर रहे थे। 92 हजार से ज्यादा सेवा केंद्र खोले गए। 60 हजार से ज्यादा लोगों ने रक्तदान किया। 240 से ज्यादा अस्पतालों में स्वयसेवकों ने सेवा की। पांच करोड़ से ज्यादा खाने के पैकेट बांटें। अस्थाई निवास की व्यवस्था की, मास्क बांटें। पैदल घर जा रहे लोगों के लिए शिविर बनाया। इसे आप अपने वोट बैंक के लिए बैन करने की मांग कर रहे हो?
बता दें कि PFI में बैन लगाने के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि PFI के साथ ही RSS पर भी बैन लगा देना चाहिए। इसकी भी जांच होनी चाहिए। इतना ही नहीं केरल कांग्रेस के सांसद ने भी आरएसएस पर आरएसएस और PFI की तुलना करते RSS पर भी बैन लगाने की मांग की थी। गौरतलब है कि सरकार ने बताया कि PFI के खिलाफ कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे साबित होता है कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है। संगठन के सदस्य सीरिया, इराक, अफगानिस्तान में जाकर आईएस जैसे आतंकी संगठनों में शामिल हुए।