गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक बन विधानसभा पहुंचे युवा नेता जिग्नेश मेवानी ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से अपना अकाउंट वेरिफाइड करने की मांग की है। जिग्नेश ने ट्विटर पर फेसबुक के लिए इस बात की मांग की है। आपको बता दें कि जिग्नेश गुजरात में 2016 में हुए उना दलित कांड के बाद चर्चा में आए थे, जब उन्होंने दलित समाज को लामबंद कर मरे हुए पशुओं को उठवाने से मना कर दिया था। उन्होंने दलितों को मैला उठाने से भी मना कर दिया था। इसके बाद राज्यभर में घूम-घूमकर दलितों को एकजुट किया था। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अप्रत्यक्ष समर्थन के साथ जिग्नेश वडगाम से मैदान में उतरे और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंच गए हैं।

जिग्नेश ने रविवार को फेसबुक को ट्वीट करते हुए अपनी मांग सामने रखी। जिग्नेश ने लिखा है कि कि मैं भारत का एक विधायक और सामाजित नेता हूं, मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूं कि मेरे आधिकारिक फेसबुक पेज को वेरिफाइड बैज/ब्लू टिक दिया जाए। क्योंकि कुछ लोग मेरे नाम का फेसबुक पेज बनाकर भटकाने वाले मैसेज कर रहे हैं।

आपको बता दें कि राजनीति में आने के बाद से ही जिग्नेश लगातार चर्चा में बने हुए हैं। विधायक बनने के बाद एक टीवी डिबेट शो में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बूढ़ा बताते हुए हिमालय पर जाकर अपनी हड्डियां गलाने की नसीहत दे डाली थी। जिग्नेश के इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था। अह वह महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव से भड़की हिंसा को लेकर सुर्खियों में हैं। बीजेपी के लोग उनपर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे हैौं तो वहीं जिग्नेश इसे बीजेपी की साजिश बता रहे हैं।