झारखंड के दुमका से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक गांव में स्कूली बच्चों ने अपने शिक्षकों को मीटिंग का झांसा देकर बुलाया और फिर एक पेड़ में बांधकर जमकर पिटाई की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी स्कूल में शिक्षकों ने कथित तौर पर बच्चों को फेल कर दिया था और कुछ लोगों को कम नंबर दिया था। इसी को लेकर छात्रों ने शिक्षकों की पिटाई कर दी।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चों ने अपने टीचरों को पेड़ से बांध दिया है। जिसके बाद वो टीचर की पिटाई कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक नौवीं की प्रैक्टिकल परीक्षा में कुल 36 छात्र शामिल हुए थे, जिसमें 11 छात्र फेल हो गए। जिसके बाद छात्रों ने फेल होने को लेकर अपने शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया और नाराज छात्रों ने अपने गणित के टीचर और स्कूल के 2 स्टाफ मेंबर्स को पकड़कर एक पेड़ में बांध दिया और जमकर पिटाई की।

प्रखंड शिक्षा विस्तार अधिकारी ने दिया ऐसा बयान

इस घटना पर दुमका के गोपीकंदर ब्लॉक में पोस्टेड प्रखंड शिक्षा विस्तार अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि उन्हें शिक्षकों को पेड़ में बांधकर पिटाई करने की सूचना मिली तो वह घटनास्थल पर पहुंचे और छात्रों से बात की। वहां जाने पर छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा में बहुत कम अंक दिए गए हैं। छात्रों का आरोप है कि कम नंबर के बारे में शिक्षकों से बात की गई लेकिन उन्हें सरकारी स्कूल में अपने शिक्षकों से संतोषजनक जवाब नहीं मिला था।

लोगों के रिएक्शन

कांग्रेस नेत्री सदफ जफर ने इस मसले पर लिखा कि यह स्थिति चिंताजनक है, जिस तरह से पिछले 8 सालों में भीड़ तंत्र की मानसिकता को बढ़ावा मिला है, वो भयावह है। यदि नंबर कम आने पर नवीं कक्षा के लड़की इस तरह के कृत्य को अंजाम दे रहे हैं तो इनके पीछे माब लींचर को माला पहनने वाला प्रोत्साहन साफ नजर आता है। राहुल नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि देश सच में बदल रहा है। संतोष यादव नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया – भारत का समाज किस स्तर पर पहुंच गया है, हिंसा को सामान्य बना दिया गया है।

सहदेव नाम के ट्विटर यूजर हंसने वाली इमोजी के साथ कमेंट करते हैं, ‘यह सब देखकर मास्टर बनने की कोई इच्छा ही खत्म हो गई।’ अजीत कुमार लिखते हैं – अभी कैसे कैसे दिन देखने पड़ेंगे। शगुन नाम की एक ट्विटर यूजर कमेंट करती हैं कि इसे ही घोर कलयुग कहा गया है। प्रदीप नाम के ट्विटर यूजर गुस्से वाली इमोजी के साथ सवाल करते हैं – यह कौन सा तरीका है, ऐसे बच्चों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आगे ऐसा कभी ना करें।