झारखंड के चतरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक बुजुर्ग से कुछ लोग उठक बैठक लगवाते दिखाई दे रहे हैं। बुजुर्ग लोगों से माफी मांगता दिखाई दे रहा है, साथ ही कान पकड़कर उठक बैठक कर रहा है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हुआ तो लोग भड़क गए और मुख्यमंत्री से कड़ी कार्रवाई की मांग होने लगी।
वनकर्मियों पर लगे गंभीर आरोप
बताया जा रहा है कि बुजुर्ग जंगल से कुछ लकड़ी लेकर जा रहा था, जिसमें सुखी लकड़ी शामिल थीं। पेड़ की इन टहनियों का उपयोग वह जलावन, खेत को घेरान करने वाला था। घटना 28 जून को प्रतापपुर प्रखंड के नंदई जंगल में हुई। आरोप है कि वन विभाग से जुड़े लोगों ने बुजुर्ग को रोका। उठक बैठक करवाई और फिर दोबारा जंगल से लकड़ी ना ले जाने की चेतावनी दी।
रघुबर दास ने की कार्रवाई की मांग, बताया शर्मनाक
हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद इस मुद्दे पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा, “माफिया पूरा जंगल साफ कर रहे हैं, तब सरकार कहां सो रही होती है। अपने उपयोग के लिए सुखी टहनियों को ले जा रहे गरीब आदिवासियों पर इस तरह का जुल्म करना कहां तक वाजिब है। शर्मनाक है यह।” मामले पर विवाद बढ़ा तो सीएम ने कार्रवाई का आदेश दे दिया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर चतरा के डीसी को तुरंत कार्रवाई कर अवगत कराने का आदेश दिया। जवाब में चतरा डीसी ने कहा है, “मामले को संज्ञान में आने के पश्चात वन प्रमंडल पदाधिकारी उत्तरीय को निर्देशित किया गया है जिसके आलोक में उनके द्वारा त्रिस्तरीय जांच समिति बनाई गई है। साथ ही मामलों की जांच हेतु अनुमंडल दंडाधिकारी चतरा को भी निर्देश दिया गया है।”
वायरल वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि DC साहब ये मामला जांच तक ही सीमित ना रह जाये, मुख्यमंत्री जी कार्रवाई की बात कर रहे हैं, गरीबों का मजाक ना बनने पाए। एक अन्य ने लिखा कि ये वन अधिकारी जंगल को अंदर से खोखला कर रहे हैं और दिखाने के लिए गरीबों पर कार्रवाई करते हैं जो अपनी जीविका के लिए सूखी लड़की का उपयोग करते हैं। कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं बुजुर्ग का कहना है कि कुछ स्थानीय पत्रकारों ने हमसे माफी मांगने के लिए कहा और उठक बैठक करने पर जोर दिया। वन कर्मियों से ज्यादा पत्रकारों ने हमें डांटा। हमने सोचा कि मामला बढ़ाने से अच्छा कि हम उठक बैठक ही कर लें।