एक तरफ जहां कांग्रेस (Congress) महंगाई के खिलाफ संघर्ष की बात करती है, तमाम बड़े नेता महंगाई को लेकर मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राज्यों में तेल के दाम बढ़ने पर कांग्रेस नेता सवालों के जवाब देने से बचते नजर आते हैं। हिमाचल प्रदेश में बढ़े तेल के दाम को लेकर जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सवाल मुझसे क्यों पूछ रहे हैं? मुख्यमंत्री से पूछिए!

हिमाचल प्रदेश में बढ़े तेल के दाम पर क्या बोले सीएम?

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार ने डीजल पर वैट को 4.40 रुपये से बढ़ाकर 7.40 रुपये कर दिया है। इस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि बीजेपी की पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य सरकार को डीजल पर वैट बढ़ाने का कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे में जब इस दाम बढ़ोत्तरी को लेकर जयराम रमेश (Jairam Ramesh) से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आप यह सवाल हमारे मुख्यमंत्री से पूछिए, हमसे क्यों पूछ रहे हैं? इसके बाद उन्होंने माइक नीचे रख दिया।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने वीडियो शेयर कर लिखा है कि खुद मियां फजीहत, दूसरों को नसीहत! @PiyushRai6216 यूजर ने लिखा कि ये लोग अन्य सभी मुद्दों पर एक्सपर्ट बनकर बात करते हैं और जहां ये फंसने लगते हैं तो कहते हैं कि मुझसे क्यों पूछ रहे हो? @Yadavavadhesh7 यूजर ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के बारे में कुछ बताइए सुधांशु त्रिवेदी जी कितना कम किए तेल के दाम? एक यूजर ने लिखा कि क्या गजब बेज्जती है भाई। कब तक अपनी नाक ऐसे ही कटवाते रहोगे। महंगाई कांग्रेस के टाइम पर थी, अब तो देश आगे बढ़ रहा है।

@SonuCha45444717 यूजर ने लिखा कि पेट्रोल का दाम बढ़ गया और पत्रकार ने सवाल कर दिया ये कांग्रेस पार्टी है जो सवाल करने देती हैं. कहीं आपसे सवाल पूछता तो आप उसको पाकिस्तानी घोषित कर देते, हिम्मत है तो मोदी जी की एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिखा दो। एक यूजर ने लिखा कि कांग्रेस ने तो सवाल ही पूछने दिया लेकिन मोदी जी ने तो हर प्रदेश में डीजल फ्री कर दिया है। एक अन्य यूजर ने लिखा की मोदी जी कृपा रही तो देश में महंगाई खत्म हो जायेगी।

बता दें कि तेल के दाम बढ़ाए जाने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा है कि डीजल पर वैट में मामूली वृद्धि का निर्णय राजस्व उत्पन्न करने के लिए किया गया क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पिछली सरकार से राज्य सरकार को 75,000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ विरासत में मिला है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने उपचुनावों में भाजपा की करारी हार के बाद लोगों को मूर्ख बनाने के लिए डीजल और पेट्रोल पर वैट घटा दिया था।