अगर आप भी खेतों से सब्जी तोड़कर खाने के शौकीन हैं तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। आप इससे बेहद बीमार हो सकते हैं, आपके दिमाग में कीड़े पहुंचे सकते हैं। कच्ची सब्जियों को हल्का साफ कर या कच्चा खाने से आपके शरीर में कीड़े (टेपवार्म) पहुंच सकते हैं, जो आपको बेहद बीमार बना सकते हैं।

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विजय नाथ मिश्रा ने एक पोस्ट कर लोगों को सावधान किया है, जिसमें उन्होंने एक मरीज के दिमाग में मौजूद कूड़ों की तस्वीर साझा की है। डॉ. विजय नाथ मिश्रा ने बताया कि ‘ये व्यक्ति 25 वर्ष के हैं और पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं। इनकी एक पसंदीदा डिश थी, खेतों से सीधे कच्ची सब्जियां खाया करते थे। मूली, पत्ता गोभी जैसी चीजों को हल्का सा धोकर खा लेते थे। अब जीवन भर ये कीड़े इनके शरीर में ही रहेंगे’।

डॉ. बीएन मिश्रा ने बताया कि अब ये पैर हाथ जीभ के मांसपेशियों में भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि बंद गोभी में जो कीड़े पाए जाते हैं, उन्हीं की वजह से मिर्गी की बीमारी होती है। इन्हीं कीड़ों की वजह से दिमाग को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। डॉ. मिश्रा का कहना है कि ऐसे में सब्जियों को खाना बंद करने के लिए नहीं कहा जा रहा है लेकिन सावधानी जरूरी है।

डॉ. बीएन मिश्रा का कहना है कि ऐसी सब्जियों को खाने से पहने उन्हें अच्छे से धो लें। गाजर, मूली जैसी सब्जियों को थोड़ा छील लें, इसके बाद उन्हें खा सकते हैं। बंद गोभी को खाने से पहले उन्हें काटकर धो लें। गुनगुने पानी में आधे घंटे के लिए छोड़ दें। इसके बाद उन्हें फिर से धो कर खाएं, इससे इन कीड़ों से बचा जा सकता है।

डॉ. मिश्रा द्वारा लोगों को आगाह किए जाने के बाद लोगों ने इस पर चिंता जाहिर की है और आगे से सावधानी बरतने की बात कही है। जनसत्ता.कॉम से बात करते हुए डॉ. बीएन मिश्रा ने बताया, “भारत नेपाल, ब्राजील, पेरू, थाईलैंड, साऊथ चाइना, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इस रोग से लोग बड़ी संख्या में ग्रसित हैं। इसका सीधा रिश्ता मल मूत्र के निस्तारण से हैं। जिन देशों में सैनिटरी हाइजीन खराब है, सीवर का पानी सीधे खेतों में पहुंच रहा है, पीने के पानी में सीवेज मिक्स हो रहा है, वहां यह समस्या सबसे अधिक है।”

BHU के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विजय नाथ मिश्रा ने बताया, “जमीन के नीचे उगी सब्जियों (गाजर, मूली आदि) और बंदगोभी में यह कीड़े आसानी से चिपक या छिप जाते हैं। इन्हें बिना साफ सफाई के खाने के बाद ये कीड़े शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इम्यूनिटी कम होने पर यह कीड़े खत्म नहीं होते बल्कि शरीर के हर हिस्से में पहुंचे जाते हैं, एक बार अंदर घुसने के बाद ये कीड़े फिर खत्म नहीं होते।”