टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला टीम ने नया इतिहास रचते हुए पहली बार सेमीफाइनल में एंट्री कर ली है। भारत ने टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलियाई टीम को 1- 0 से हराकर इतिहास रच दिया। पूरे मैच में भारतीय टीम कंगारू टीम पर हावी रही और लगातार अटैकिंग गेम को जारी रखा। भारतीय महिला टीम की गोलकीपर सविता पूनिया ने इस जीत में अहम किरदार निभाया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को गोल करने का एक भी मौका नहीं दिया। भारतीय महिला टीम की जीत पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।

कोई चक दे इंडिया लिख रहा है तो कोई बेटियों को बेटो से कम न आंकने की सलाह दे रहा है। आज तक की न्यूज़ एंकर अंजना ओम कश्यप ने भारतीय महिला हॉकी टीम को जीत की बधाई देते हुए लिखा यह ये। यही। अपनी मुट्ठी में अपने हिस्से का आसमान..। पत्रकार रिचा अनिरुद्ध ने इस जीत पर एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘ये चीखें। क्या देशभर से करोड़ों ऐसी चीखें आप तक पहुँच रही हैं रानी रामपाल ?सलाम हमारी पूरी महिला हॉकी टीम को..जाइए खेलिए जीतिए और रचिए इतिहास..हमारी दुआएं आप सबके साथ हैं।

@Hindi_panktiyan ट्विटर अकाउंट से लिखा गया कि तीन बार की गोल्ड मेडलिस्ट आस्ट्रेलिया टीम को 1-0 हराकर, भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। ऐसा लग रहा है जैसे चक दे इंडिया फ़िल्म हकीकत में चल रही हो। बहुत ही खूबसूरत पल सभी भारतीयों के लिए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि लड़कियों ने इतिहास रच दिया। आईएएस प्रहलाद मीणा ने भारतीय महिला हॉकी टीम की जीत पर लिखा कि हमारी छोरियां छोरों से कम है के?

एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने जीत का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि चक दे इंडिया वो तो एक फ़िल्म थी। जिससे भारतीयों को बहुत ही भाव विह्वल कर दिया था। ओलंपिक हॉकी में मिली ये असली जीत है जो हम सबकी लाइव नज़रों के सामने हुई जीत है जीत के पल यहाँ देखिए और उछलिए जितना उछल सकते हैं।

यशवंत देशमुख नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि लड़को का ऑस्ट्रेलिया मैच वाला बदला अपनी बेटियों ने ले लिया। हिसाब बराबर। अपनी छोरियां किसी छोरों से कम नहीं बल्कि दो कदम आगे ही हैं। और हमेशा रहेंगी।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भारतीय महिला हॉकी टीम की जीत की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि नाज़ है। @Mithileshdhar अकाउंट से लिखा गया कि ऐसा लग रहा जैसे सपना देख रहा हूँ। यहां से हमारी हॉकी टीम मेडल जीते या ना जीते, लेकिन उन्होंने दुनिया को अपनी स्टिक का जादू दिखा दिया है। पदक आये तो सोने पर सुहागा। ये मैच 25-50 लोगों के साथ बैठकर देखने वाले थे। खूब चिल्लाने का मन कर रहा था। समीफाइनल के लिए कुछ व्यवस्था करनी होगी।