IIT Bombay professor torn socks photo viral: आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में फटे मोजे पहनकर बैठे हुए थे। उनकी फटे मोजे पहनी हुई तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर को देखने के बाद से लोग हैरानी जता रहे हैं कि ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि इन्होंने फटे हुए मोजे पहने होंगे। इस तस्वीर को एक यूजर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि प्रोफेसर फटे मोजे पहनकर 5 स्टार होटल में बैठे हैं। लोग इनकी इस तस्वीर पर हैरानी जता रहे हैं कि जो शख्स लग्जरी होटल में बैठ सकता है वह भला फटे मोजे क्यों पहनेगा? प्रोफेसर के मोजे में कई छेद हैं।
अब इस इस वायरल तस्वीर पर प्रोफेसर का रिएक्शन सामने आया है। प्रोफेसर ने अजीबो-गरीब फटे मोजे पहनने के पीछे की वजह बताई है। प्रोफेसर का नाम चेतन सिंह सोलंकी है। इन्होंने 20 साल से अधिक समय तक प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाया है। इन्हें भारत के सोलर मैन या सोलर गांधी के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर तब क्लिक की गई थी जब वह एक शिखर सम्मेलन में भाषण दे रहे थे।
सोलंकी पिछले कुछ दशकों में पर्यावरणीय गिरावट के बारे में जागरूकता फैलाने के मिशन पर हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने 20 राज्यों में 43,000 किमी से अधिक की यात्रा की है। उन्होंने आगे लिखा “25 सितंबर को द इकोनॉमिक टाइम्स एनर्जी लीडरशिप समिट में अपना भाषण देने से पहले किसी ने दिल्ली के हयात में मेरी यह तस्वीर खींची थी।”
“हां, मेरे फटे हुए मोज़े खुल गए हैं””हां, मेरे फटे हुए मोज़े खुल गए हैं”
प्रोफेसर ने आगे बताया, “हां, मेरे फटे हुए मोज़े खुल गए हैं! मुझे उन्हें बदलने की ज़रूरत है, मैं ऐसा करूंगा और मैं ऐसा कर सकता हूं लेकिन प्रकृति ऐसा नहीं कर सकती। प्रकृति में सब कुछ सीमित है।” प्रकृति अधिक बर्बादी बर्दाश्त नहीं कर सकती।
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सोलंकी ने आगे कहा कि वे जो कुछ भी खरीदते हैं उसका पूरा-पूरा इस्तेमाल करते हैं। पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा, “मैं अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छे गैजेट का उपयोग कर सकता हूं, लेकिन मैं अपने कार्बन फुटस्टेप को कम करने को कम करने के लिए कम से कम चीजों का इस्तेमाल करता हूं। मोजे दूसरे आ सकते हैं मगर प्रकृति सीमित है।”
फटे मोजे पहनने के पीछे आईआईटी प्रोफेसर ने जो वजह बताई उससे इंटरनेट पर लोगों ने काफी अच्छा रिएक्शन दिया। आईआईटी प्रोफेसर की बातें सोशल मीडिया यूजर्स को काफी पसंद आए। यूजर्स ने “प्रकृति को प्राथमिकता देने” के उनकी कोशिशों की काफी सराहना की। एक यूजर ने कहा, “चेतन सिंह सोलंकी को धन्यवाद, यह वास्तव में कार्बन फुटस्टेप को कम कर रहा है!” अब फटे मोजे पहनने में झिझक नहीं होगी। इस खबर आपकी क्या राय है?